सोयाबीन में सुस्ती, सरसों के लिए बाधा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों के 3,815-3,915 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

मध्य प्रदेश कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार राज्य में 2018-19 (जुलाई-जून) में सोयाबीन का उत्पादन 35.3% की बढ़ोतरी के साथ 7.20 मिलियन टन होने की संभावना है। ऐसी खबरें है कि नाफेड मूल्य समर्थन योजना के तहत 28 जनवरी से राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में खरीफ सोयाबीन की बिक्री शुरू कर दिया है। सीबोट में भी सोयाबीन की कीमतों में नरमी का रुझान है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के 90 दिनों के विराम में से अब कुछ दिन बचे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच किसी प्रकार का समझौता होने को लेकर अनिश्चितता बरकरार है।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों को 4,020-4,040 रुपये के नजदीक अड़चन रहने की संभावना है। आगामी दो हफ्ते में सरसों के नये स्टॉक की आवक होने की संभावना से कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। खरीदार पुराना स्टॉक खरीदना नहीं चाहते हैं और इस तरह की कोई भी आवक होने की स्थिति में बाजारों में नरमी का रुझान बढ़ सकता है। इस बीच नाफेड के पास लगभग 2.54 लाख टन सरसों का स्टॉक है और आगामी दिनों में इसे बाजार में बेचना जारी रखेगा।
सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतें 570-580 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बेहतर निर्यात माँग की संभावना से मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में कल बढ़त दर्ज की गयी। कार्गो सर्वेयर के अनुसार 1-31 जनवरी के बीच मलेशियन पॉम ऑयल निर्यात के आँकड़ें आज जारी किये जायेंगे। (शेयर मंथन, 31 जनवरी 2019)