सोयाबीन और सरसों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,730-3,700 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है।

घरेलू बाजारों में मिलों की ओर से सोयाबीन की माँग कम हो रही है। हाजिर बाजारों में मौजूदा अधिक कीमतों पर खरीदारी में कमी आने के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। पिछले कुछ हफ्तों से सोयामील की माँग भी काफी कम हो गयी है, क्योंकि ब्राजील के सोयामील की कीमत कम होने से ईरान से होने वाली माँग ब्राजील की ओर शिफ्ट कर गयी है।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों में गिरावट जारी रहने की संभावना है और कीमतों में 3,880 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कारोबारियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पूराने स्टॉक की लगातार बिक्री से बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है। नाफेड के पास अभी भी लगभग 2.18 लाख टन सरसों का स्टॉक है। इसके अतिरिक्त दिसंबर में तीन बार और जनवरी में हाल ही में उत्पादन क्षेत्रों में बारिश और कोहरा सरसों की फसल के लिए लाभदायक हो रही है और उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। जनवरी के अंत तक सरसों का कैरीओवर स्टॉक 5,00,000 टन है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 4,00,000 टन था।
सीपीओ वायदा (फरवरी) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है और कीमतों में 561 रुपये तक गिरावट हो सकती है। जनवरी में भारत में पॉम, कच्चे और रिफाइंड दोनों, ऑयल का आयात लगभग 9,00,000 टन हुआ है, जो दिसंबर की तुलना में 12.5% अधिक है। इस बीच मलेशिया में 2019 में पॉम ऑयल का कुल उत्पादन 1.95 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के लगभग बराबर है। (शेयर मंथन, 07 फरवरी 2019)