जीरे के लिए बाधा, धनिया में तेजी का रुझान - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,345 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतें 6,500-6,550 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।

हाजिर बाजारो में नयी हल्दी की आवक और बिक्री बढ़ गयी है। कल आवक हुई 4,000 बैग में से 3,500 बैग नयी हल्दी की थी, जिसमें से 85% हल्दी की बिक्री हो गयी। कारोबारियों को कुछ नये ऑर्डर मिले हैं, जिसे पूरा करने के लिए वे खरीदारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 15,700 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। 2018-19 (जुलाई-जून) में बेहतर उत्पादन अनुमान के कारण कीमतों में बढ़त सीमित रह सकती है, जबकि माँग में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। वर्तमान समय में जीरे की रोजना औसत आवक 30,000 बैग (1 बैग 55 किलो ग्राम का) हो रही है और आगामी दिनों में आवक में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस वर्ष गुजरात में उत्पादन क्षेत्रों में कमी की भरपायी राजस्थान में अधिक उत्पादन क्षेत्रों से होने की संभावना है। राजस्थान में जीरे की उत्पादकता पिछले वर्ष के 489 रुपये किलो ग्राम हेक्टेयर की तुलना में बढ़ कर 494 रुपये किलो ग्राम हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जबकि गुजरात में जीरे की उत्पादकता पिछले वर्ष के 520 रुपये किलो ग्राम हेक्टेयर की तुलना में बढ़ कर 529 किलो ग्राम हेक्टेयर रहने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त कैरीओवर स्टॉक लगभग 10-15 लाख बैग अधिक रहने का अनुमान है, जिससे कीमतों पर दबाव बना रह सकता है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों में 6,700 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। हाजिर बाजारों में अच्छी क्वालिटी की नयी आवक बाजारों में शुरू हो गयी है और खरीदारी में प्रतिदिन बढ़ोतरी के साथ ही कीमतों में भी वृद्धि हो रही है। (शेयर मंथन, 12 मार्च 2019)