कॉटन में तेजी के रुझान, चने में भी बढ़त की उम्मीद - एसएमसी

कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 22,100-22,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में भारी कमी के कारण उत्पादन अनुमान में लगातार कमी की वजह से कुल मिलाकर कीमतों में तेजी का रुझान है। भारतीय कपास निगम का अनुमान है कि 2018-19 में 321 लाख बेल कपास का उत्पादन हो सकता है, जो पिछले महीने के 328 लाख बेल के अनुमान से 7 लाख बेल कम है। निगम के अनुसार मार्च 2019 के अंत तक 93 लाख बेल कपास का भंडार था, जिसमें 45.85 लाख बेल टेक्सटाइल मिलों के पास और शेष 47.15 लाख बेल निगम और अन्य एजेंसियों के पास था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, कारोबारियों की नजर अमेरिका के दक्षिणी भाग में आने वाले तूफान पर रहेगी, जिससे इस क्षेत्र में कपास की फसल प्रभावित हो सकती है।
चना वायदा (मई) की कीमतों में 4,600 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। इसलिए 4,475 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ निचले स्तर पर खरीदारी की सलाह दी जाती है। अधिक आयात शुल्क के कारण ऑस्ट्रेलिया से सीमित आयात के कारण कीमतों में तेजी का रुझान देखा जा रहा है। भारतीय स्नैक्स निर्माताओं की ओर से चना की बढ़ती माँग के कारण भी कीमतों को मदद मिल सकती है। दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पिछले वर्ष की तुलना में आवक कम हो रही है।
ग्वारसीड और ग्वारगम वायदा (मई) की कीमतों में क्रमशः 4,550 और 9,200 रुपये तक तेजी जारी रह सकती है। इस वर्ष मार्च-मई के दौरान के एल्नीनो के विकसित होने की बढ़ती संभावना से मॉनसून के सामान्य से कम रहने के अनुमान के कारण इन कमोडिटीज की कीमतों में तेजी रह सकती है। (शेयर मंथन, 15 अप्रैल 2019)