सोयाबीन और सरसों में सुस्ती के संकेत - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (मई) की कीमतों के 3,710-3,760 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।

सोपा का अनुमान है कि वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में 31 मार्च तक देश भर में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 117.83 लाख टन रही है, जिसमें 1.50 लाख टन कैरीओवर स्टॉक, 114.83 लाख टन उत्पादन और 1.50 लाख टन निर्यात शामिल है। कुल उपलब्धता में से 92 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है और इस दौरान सोयामील की कुल उपलब्धता 74.71 लाख टन रही है। इसके अतिरिक्त 20 लाख टन का निर्यात किया गया है।
सरसों वायदा (मई) की कीमतों के 3,760-3,790 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। ऐसी खबर है कि मौजूदा रबी सीजन के दौरान नाफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर देश भर से 20 लाख टन सरसों खरीदने की योजना बनायी है। मार्च में सरसों की आवक अधिकतम होती है और अप्रैल के बाद धीरे-धीरे कम होती जाती है। आवक में कमीं से कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है।
सोया तेल वायदा (मई) की कीमतों के 716-721 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सीपीओ वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 540-545 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मार्च 2019 में वनस्पति तेलों का कुल आयात मार्च 2018 के 11,46,051 टन की तुलना में 26% बढ़ कर 14,46,557 रुपये टन हो गया है। कुल मिलाकर नवंबर 2018-मार्च 2019 में वनस्पति तेलों का कुल आयात नवंबर 2017-मार्च 2018 के 59,31,829 टन की तुलना में 6% बढ़ कर 63,09,406 टन हो गया है। इस बीच मलेशियन पॉम ऑयल के अनुमान से कम निर्यात और अधिक भंडार के कारण बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतें दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुँच गयी हैं। (शेयर मंथन, 18 अप्रैल 2019)