कॉटन में बरकरार रह सकती है तेजी, ग्वार सीड पर बिकवाली का दबाव - एसएमसी

व्यापार युद्ध के बढ़ते भय के कारण घरेलू बाजार में कॉटन वायदा की कीमतों की तेजी पर रोक जारी रह सकती है।

हाजिर बाजारों में खरीदारों और बिक्रेताओं की ओर से सावधनी के कारण सुस्त कारोबार हो रहा है। इसलिए मई कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 20,940 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 45 से 72 अंको की गिरावट हुई है। यूएसडीए आज कपास के साप्ताहिक निर्यात के आँकड़ें जारी करेगा। यूएसडीए के अनुसार पिछले रविवार तक अमेरिकी कपास की बुआई 44% क्षेत्रों में हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6% कम है।
ग्वार सीड वायदा (जून) पर बिकवाली का दबाव रहने की संभावना है और कीमतें 4,380 रुपये तक नीचे जा सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों में 8,745-8,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा 2019-20 में ग्वार का उत्पादन मौजूदा वर्ष के अनुमानित 10.3 लाख टन की तुलना में 45.
5% की बढ़ोतरी के अनुमान के बाद सेंटीमेंट कमजोर हो गया है। आगामी सीजन में ग्वार की उत्पादकता पिछले वर्ष के 334 किलो ग्रम प्रति हेक्टेयर की तुलना में 500 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है। मक्का वायदा की कीमतें हर हफ्ते रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रही हैं और आगे भी तेजी का रुझान जारी रह सकता है।
पशु आहार निर्माताओं की ओर से अधिक खरीदारी के कारण जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों को 1,920-1,930 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 23 मई 2019)