हल्दी और जीरे में सुस्ती की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (जून) की कीमतों के 7,100-7,190 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

अच्छी क्वालिटी की हल्दी की आवक के कारण इरोद में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। किसानों द्वारा अच्छी क्वालिटी की हल्दी को लाये जाने के कारण कीमतों और बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। बेहतर निर्यात माँग के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है।
जीरा वायदा (जून) की कीमतों को 17,450 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की उम्मीद है। ऐसी खबर है कि चीन और दुबई को अच्छी मात्रा में जीरे का निर्यात किया जा रहा है और साथ ही अतिरिक्त ऑर्डर भी मिल रहे हैं। वर्तमान समय में तुर्की और सीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण निर्यातकों और थोक खरीदारों की ओर से खरीदारी हो रही है।
इलायची वायदा (जून) की कीमतों में 2,195 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। केरल में पिछले कुछ महीने से लगातार सूखे मौसम के कारण इलायची के लगभग 40% पौधे नष्ट हो गये हैं। छिटपुट बारिश, तेज हवाओं, भूस्खलन और पानी की कमी के कारण इलायची फसल नष्ट हो रही है और उसमें रिकवरी की उम्मीद नही है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों को 7,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। राजस्थान के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम आपूर्ति और घरेलू खरीदारों की ओर से माँग में बढ़ोतरी होने के कारण सेंटीमेंट बेहतर है। राजस्थान के बाजारों में मौजूदा समय में लगभग 30,000-35,000 बैग की आवक होनी चाहिए, लेकिन इस वर्ष कम उत्पादन के कारण केवल 7,000-8,000 बैग की आवक हो रही है। (शेयर मंथन, 24 मई 2019)