कपास, कैस्टरसीड और ग्वारसीड में सुस्ती के संकेत - एसएमसी

कपास वायदा (जुलाई) की कीमतें 21,200-21,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं।

कारोबारी काफी सतर्क है और बुआई की प्रगति पर पैनी नजर रखे हुए हैं। आईसीई में कॉटन के अधिकांश कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों में 36 से 74 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। फेड चेयरमैन पोवेल द्वारा 30-31 जुलाई को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती के संकेत के बाद डॉलर के कमजोर होने से कॉटन की कीमतों को मदद मिली।
यूएसडीए के अनुसार बाजार वर्ष 2019-20 में भारत में कपास का उत्पादन 1.25 करोड़ हेक्टेयर में 2.93 करोड़ बेल (1 बेल 480 पौंड का) होने का अनुमान है। देश के शेष भागों की ओर मॉनसून की तेज प्रगति से अच्छी बारिश होने की संभावना है। बाजार वर्ष 2019-20 में कपास की उत्पादकता लगभग 510 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो अब तक के औसत स्तर से अधिक है।
कैस्टरसीड वायदा (अगस्त) की कीमतें 5,600-5,660 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। गुजरात के हाजिर बाजारों में आवक में कमी और घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से अधिक माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार 2019-20 में कैस्टर का उत्पादन क्षेत्रों पिछले गुरुवार तक 15,400 हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38% कम है। तेलंगाना में कैस्टर का उत्पादन क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में 69% कम होकर 3,600 हेक्टेयर रह गया है, लेकिन गुजरात में कैस्टर का उत्पादन क्षेत्रों पिछले वर्ष के 1,000 हेक्टेयर की तुलना में बढ़कर 2,100 हेक्टेयर हो गया है।
मॉनसून के धीमा होने के कारण ग्वारसीड वायदा (अगस्त) की कीमतें 4,380-4,430 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं। ऐसा अनुमान है कि 15 जुलाई के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून रुक सकता है। (शेयर मंथन, 11 जुलाई 2019)