बढ़ सकती हैं सोया तेल और सरसों की कीमतें - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,645 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,720 रुपये पर पहुँचने की संभावना है।

सांगली जिले में और उसके आस-पास, जहाँ सितम्बर-अक्टूबर में लगभग 100,000 टन सोयाबीन की फसल होती है, हाल ही में आयी बाढ़ के कारण फसल के पूरी तरह से नुकसान होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप नयी फसल की आपूर्ति अक्टूबर के मध्य तक आने की उम्मीद है। इससे आने वाले हफ्तों में स्टॉकिस्टों और मिलों द्वारा सोयाबीन की अधिक खरीद की जायेगी।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों में 762 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतें 570-575 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। भारत सरकार ने सस्ते आयात को हतोत्साहित करने और तिलहन विकास फंड की स्थापना करने के लिए खाद्य तेलों के आयात पर 5% उपकर लगाने का प्रस्ताव किया है। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से आयात महँगा होने के कारण भी खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। पिछले एक महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया 4% कमजोर हुआ है। उत्पादन में अनुमान से कम वृद्धि की संभावना से मलेशिन पॉम ऑयल वायदा की कीमतों में 2% की वृद्धि हुई है। बीएमडी में बेंचमार्क नवंबर वायदा की कीमतें 2,243 रिंगिट के स्तर को पार कर सकती हैं। इस बीच सीबोट में सोया तेल वायदा की कीमतों में 0.2% की बढ़ोतरी हुई है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,950 रुपये के स्तर को पार कर 3,960-3,980 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। मॉनसून के दौरान सरसों के तेल की माँग बढ़ने और सरसोंमील की लगातार माँग के कारण अल्पावधि में कीमतों को मदद मिलेगी। सरसोंमील की अधिक निर्यात माँग को देखते हुए तेल मिलें आगामी दिनों में सरसों की पेराई शुरू कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 23 अगस्त 2019)