चने में गिरावट, कैस्टरसीड में तेजी का रुझान - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 19,360-19,560 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिकी कृषि विभाग की विदेशी कृषि सेवा ने 2019-20 (अगस्त-जुलाई) में भारत में 3.72 करोड़ बेल के कपास उत्पादन के अपने अनुमान को बरकरार रखा है। एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में मौजूदा खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन क्षेत्रों 1.27 करोड़ हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन क्षेत्रों 1.26 करोड़ हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। 2019-20 के लिए कपास की औसत उत्पादकता को कम करके 497 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है, जबकि एक महीने पहले इसका अनुमान 505 किलोग्राम था। अमेरिका में हरिकेन डोरियन के फिर से आने के कारण फसल नुकसान की आशंका से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में 1% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर निवेशक चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कोई सकारात्मक प्रगति होने से काफी आशान्वित हैं।
चना वायदा (सितंबर) की कीमतों में 3,900 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। जमाखोंरों के खिलाफ सरकारी कार्रवाई के बाद कीमतों में नरमी का रुझान है। कम माँग और अधिक आवक के कारण हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 5,720-5,705 रुपये के नजदीक सहारा के साथ बढ़त दर्ज कर सकती हैं। पिछले साल की तुलना में कम उत्पादन और नयी फसल की आवक में कम से कम छह महीने की देरी से आपूर्ति कम होती जा रही है। कैस्टरसीड की दैनिक आवक धीरे-धीरे घट कर 15,000-20,000 बैग (1 बैग = 75 किलोग्राम) हो गयी है, जो समान अवधि में एक साल पहले 50,000-55,000 बैग थी। कारोबारियों को 2020 में लगभग 1,50,000 टन कैरीओवर स्टॉक और 2019-20 में 15 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2019)