कॉटन में थमी रह सकती है तेजी, कैस्टसीड में गिरावट के संकेत - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 19,600-19,800 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
बाजार वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत में कपास उत्पादन 3.68 करोड़ बेल होने का अनुमान है, जो मौजूदा वर्ष के उत्पादन 3.2 करोड़ बेल के बाजार अनुमान से लगभग 12-15% अधिक होगा। इस साल कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि अभी तक फसल की स्थिति अच्छी है, कीटों के संक्रमण की कोई खबर नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि निवेशक अमेरिकी और चीनी व्यापार वार्ताकारों के बीच अक्टूबर होने वाली में वार्ता को लेकर काफी सकारात्मक हैं। इस बीच आईसीई में कॉटन दिसंबर वायदा की कीमतें 0.46% की बढ़ोतरी के साथ 60.80 सेंट पर बंद हुई हैं।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के बढ़त के साथ 4,160 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण खड़ी फसलों को नुकसान की खबरों से बाजार के सेंटीमेंट को मदद मिली है। ऐसी खबर है कि हाल के हफ्तों में भारत में मॉनसूनी बारिश लगातार तीसरे हफ्ते औसत से अधिक हुई है, जिससे देश के मध्य भाग के कई जिलों में बाढ़ आ गयी और फसलों को प्रमुख रुप से दालों को, नुकसान पहुँचा है।
कैस्टरसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,775 रुपये तक गिरावट हो सकती है। मौजूदा चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में कैस्टर फसल की बुआई में 20.15% की उछाल दर्ज की गयी है। यह मोटे तौर पर इस वर्ष राज्य में बहुत अच्छे मॉनसून और किसानों को मिलने वाले बेहतर मूल्य के कारण हुआ है। (शेयर मंथन, 24 सितंबर 2019)