कॉटन में नरमी, चने में हो सकती है मुनाफा वसूली - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है और कीमतें 19,420 रुपये से नीचे टूट सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार गुजरात और महाराष्ट्र दोनों में कपास की फसल बेहतर दिख रही है। वर्तमान समय में मध्य भारत में फसल अभी बीज लगने की अवस्था में है। यूएसडीए ने अनुमान लगाया है कि 2019-20 में भारत में कपास का उत्पादन 3.05 करोड़ (1 बेल 480 पाउंड का) बेल हो सकता है, जो पिछले महीने के अनुमान से 3% और पिछले वर्ष से 15% अधिक है।
कपास की उत्पादकता 515 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से 12% अधिक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में लगभग स्थिरता रही और 1 सेंट के दायरे में कारोबार हुआ है। दिसंबर वायदा की कीमतें 64.54 सेंट पर कारोबार कर रही हैं। अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा साप्ताहिक निर्यात बिक्री के आँकड़ें आज जारी किये जायेंगे।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतों को 4,515 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है और उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है। देश की दाल मिलों ने इस वर्ष के अंत तक दालों का आयात करने के लिए आग्रह किया है। केन्द्र सरकार मिलों को 31 अक्टूबर तक दालों का आयात करने को कहा है। बर्मा की फसल अच्छी है और दक्षिण अप्रफीकी देशों- मोजाम्बिक, मलावी और कीनिया में दालों की फसल में अभी देरी है और इस वर्ष के अंत तक बाजार में आने की संभावना है।
गोदामों में भंडार में गिरावट के कारण मेंथा तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,195 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों में 1,215-1,222 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में मेंथा ऑयल का स्टॉक पिछले सप्ताह के अंत में 4,21,426.62 किलोग्राम था, जो इस महीने की शुरुआत से 32,401.15 किलोग्राम कम है। (शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2019)