सोयाबीन में तेजी, सरसों के लिए बाधा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है और इसलिए कीमतों में गिरावट होने पर 3,800-3,850 रुपये के स्तर के लिए खरीदारी करने का सुझाव है।

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2019 में मध्य प्रदेश में सोयाबीन का कुल उत्पादन 40.107 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31.1% कम है जबकि इसके विरीत महाराष्ट्र में सोयाबीन का कुल उत्पादन 36.295 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.70% अधिक है। राजस्थान में सोयाबीन का कुल उत्पादन 6.560 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में -26.7% कम है।
सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों को 9.40 डॉलर प्रति बुशल के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। वाशिंगटन और बीजिंग के बीच व्यापार वार्ता पर कारोबारियों द्वारा अधिक स्पष्टता का इंतजार किये जाने के कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। ट्रम्प के यह कहने के बाद कि जब तक वह 16-17 नवंबर, 2019 को चिली में आगामी एपेक फोरम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात नहीं करेंगे, तब तक वे चीन के साथ किसी भी व्यापार सौदे पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, व्यापार सौदे को लेकर सवाल बना हुआ है।
सरसों वायदा (नवंबर) की कीमतों में बढ़त सीमित रह सकती है और 4,200 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। मिलों की ओर से माँग धीमी हो सकती है, क्योंकि पेराई मार्जिन नकारात्मक होकर -109 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतों में 560 रुपये के नजदीक सहारे के साथ 568 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। खबरों में कहा गया है कि खाद्य मंत्रालय अगले साल जनवरी से पॉम ऑयल पर आयात शुल्क में कटौती की भरपाई के लिए आयातित रिफाइंड पॉम ऑयल पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) बढ़ा कर 12% करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। (शेयर मंथन, 22 अक्टूबर 2019)