बढ़ सकते हैं कपास के दाम, चना होगा और मजबूत - एसएमसी

कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों में अधिक तेजी देख सकते हैं और कीमतें 1,110 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने किसानों से सीधे कच्चा कपास खरीदने के लिए पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में प्रवेश किया है। इसका मुख्य इरादा कपास की कीमतों को एमएसपी से नीचे आने से रोकने का है क्योंकि हाजिर बाजार में अधिक से अधिक आवक होने वाली हैं। पहली फसल कटाई सितंबर-अक्टूबर के महीनों में होती है, जब कुल कपास का 30% बाजार में आता है। नवंबर में दूसरी आवक शुरू होती है, जिसके दौरान कुल फसल का 45% आता है और दिसंबर में अंतिम फसल कटाई होती है, जब शेष 25% कपास मंडियों में पहुँचता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार आईसीई में कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 68 रुपये के बाधा स्तर के पास पहुँचने की उम्मीद है। कारोबारी अमेरिका-चीन व्यापार को लेकर नवीनतम खबरों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा मौसम के कारण फसल की क्वालिटी बिगड़ सकती हैं, जो वर्तमान में 32% पूरी हो गयी है, जो औसत से 5% अधिक है।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतें 4,400-4,480 रुपये के दायरे में मजबूती दर्ज कर सकती है। त्यौहारों की खरीदारी खत्म हो सकती है और बाजार में इस तरह की बातचीत चल रही है कि सरकार दाल आयात की समय सीमा को 30 नवंबर तक बढ़ा सकती है। इस संबंध में अधिसुचना इस महीने के अंत में जारी होने की उम्मीद है।
मेंथा तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 1,195-1,205 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में मेंथा तेल का स्टॉक पिछले सप्ताह के अंत में 3,78,192.30 किलोग्राम पर था, जो इसके पिछले सप्ताह की तुलना में 43,234.32 किलोग्राम कम था। (शेयर मंथन, 22 अक्टूबर 2019)