चने के लिए बाधा, कपास में रह सकती है स्थिरता - एसएमसी

कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 1,080 रुपये के नजदीक सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में स्थिरता रह सकती है।
मिलों की ओर से माँग और फसल नुकसान की चिंता के कारण दक्षिण और मध्य भारत के प्रमुख बाजारों में कपास की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ स्थिरता है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्रों और आंध्र प्रदेश में फसल नुकसान की खबरे हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कपास फसल कटाई के अंतिम चरण में था, लेकिन बारिश ने किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया क्योंकि कपास की गुणवत्ता कम हो जायेगी। मौसम की इस घटना ने फसल की कटाई और आवक की गति को भी कम कर दिया है। इस सीजन में अब तक नई फसल की कुल आवक 15,48,000 बेल हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 28,86,000 बेल से 46.36% कम है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार आईसीई में कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 66 के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता हैं। चीन और अमेरिका के पहले चरण के व्यापार करार पर किए जाने वाले हस्ताक्षर को लेकर अनिश्चितता और निर्यात बिक्री में कमी के कारण पिछले दो हफ्ते से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतों को 4,500-4,515 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और मिलों की ओर से सुस्त माँग के साथ बेसन की कम बिक्री के कारण कीमतों में गिरावट हो सकती है।
मेंथा तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों में 1,211 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 1,240 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। जाड़े के दिनों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए फार्मा कंपनियों की ओर से खरीदारी के कारण निचले स्तर पर खरीदारी और पिछले चार हफ्ते से एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में मेंथा तेल के कम होते स्टॉक के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 04 नवंबर 2019)