सोयाबीन में तेजी, सरसों को 4,225 रुपये रह सकता है सहारा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में 4,000 रुपये पर सहारे के साथ 4,100 रुपये तक तेजी का रुझान रहने की संभावना है।

स्टॉकिस्टों और तेल मिलों की ओर से नयी फसल की माँग में बढ़ोतरी के कारण कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट है। मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में लगातार बारिश के कारण आपूर्ति के बाधित होने की संभावना है और कीमतों को मदद मिल सकती है। पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के दक्षिण भाग में अच्छी बारिश हो रही है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में एक मिलन क्षेत्र भी बन रहा है, जहाँ उत्तर की ओर से उत्तर-पूर्वी शुष्क हवाएँ अरब सागर से आने वाली आर्द्र हवाओं के साथ मिल रही हैं, जिससे बादल बनते हैं और वर्षा की गतिविधियाँ बढ़ती हैं।
बेंचमार्क इंदौर बाजार में सोयाबीन की कीमतें पिछले कुछ दिनों से 3,600-3,650 रुपये प्रति 100 किलोग्राम दायरे में हैं। सीबोट में अमेरीकी सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में 0.5% की गिरावट हुई है और साप्ताहिक स्तर पर कुल 1.7% की गिरावट हुई है। कारोबारी चीन और अमेरिका के बीच व्यापार करार पर हस्ताक्षर में देरी की आशंका से चिंतित है। निवेशक अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा विश्व कृषि आपूर्ति और माँग अनुमान के आँकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।
सरसों वायदा (नवंबर) की कीमतों को 4,225 के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। सरसों की सबसे अधिक माँग जाड़ें के दिनों में होती है। सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतें 608 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 625-628 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है, जबकि रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों के 795-797 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वाणिज्य मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय से खाद्य तेल उत्पादन में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के लिए रोड मैप तैयार करने को कहा है। सरकार इसके लिए खाद्य तेलों के आयात पर 2-10% का उपकर लगा सकती है। (शेयर मंथन, 08 नवंबर 2019)