हल्दी में नरमी, जीरा में गिरावट के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा की कीमतें अपने 3 साल के निचले स्तर 5,280 रुपये के पास कारोबार कर रही है और चल रहे लॉकडाउन के बीच निर्यातकों और मसाला निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों की ओर से माँग में गिरावट के कारण इस नरमी के रुझान के जारी रहने की संभावना है।

आमतौर पर हल्दी की माँग अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से माँग प्रभावित हुई है। आने वाले दिनों में, जून कॉन्टैंक्ट की कीमतें 5,000-4,800 रुपये के स्तर तक लुढ़क सकती है।
इलायची वायदा (जून) की कीमतों में 1,800-1,900 रुपये के स्तर तक रिकवरी देखी जा सकती है। ऐसी खबर है कि कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने में मदद के लिए मसाला बोर्ड इलायची की ऑनलाइन नीलामी के विकल्प पर विचार कर रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत ई-नाम प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलायची की बिक्री का विकल्प भी खोजा जा रहा है और बोर्ड हितधरकों के साथ परामर्श करने की प्रक्रिया में भी है। मसाला बोर्ड निर्यात की सुविध के लिए देश में अपनी प्रयोगशालाओं का संचालन भी कर रहा है। 5 मई से, सऊदी अरब को निर्यात की जाने वाली इलायची का परीक्षण मसाला बोर्ड की गुणवत्ता मूल्यांकन प्रयोगशालाओं में किया जायेगा।
जीरा वायदा (जून) की कीमतों में शॉर्ट कवरिंग 13,700-13,800 रुपये तक सीमित हो सकती है क्योंकि मौजूदा स्थितियों में फंडामेंटल ज्यादा अनुकूल नहीं है। कम खरीदारी के बीच हाजिर कीमतें घट रही हैं और प्रसंस्करण में कमी आई है। ऑफ-टेक प्रमुख थोक खपत वाले क्षेत्रों जैसे कि रेस्तरां और होटल के बंद होने से खरीदारी कम हो रही है। वे जीरे की कुल बिक्री का लगभग 7-8 प्रतिशत खरीददारी करते हैं। इसके अलावा, प्रोसेसरों के पास स्टॉफ कम होने के कारण निर्यात ऑर्डर भी नहीं बढ़ रहे हैं।
धनिया वायदा (जून) की कीमतें 5,630-5,930 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं। मसाला कंपनियां केवल सीमित पैमाने पर और अक्सर किसानों से सीधे संपर्क करके खरीद रही हैं। धनिया की माँग स्थिर है। (शेयर मंथन, 11 मई 2020)