कॉटन और चने की कीमतों में हो सकती है मुनाफा वसूली - एसएमसी

हाजिर बाजारों में तेजी के रुझानों पर कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,550-16,600 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है।

वैश्विक कॉटन बेंचमार्क में बढ़ती कीमतों, फसल की आवक कम होने और मिल माँग में सुधार के बीच, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने पिछले शुक्रवार से कपास की कीमतों में 500-700 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की है। इसमें से इस सप्ताह के शुरुआती दो दिनों में 400-500 रुपये की बढ़ोतरी देखी गयी। सोमवार को, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने सभी केंद्रों पर कपास की कीमतें 300 रुपये प्रति कैंडी बढ़ा दी, जबकि सरकारी एजेंसी ने दक्षिण भारत में सभी केंद्रों में कपास की कीमत 200 रुपये प्रति कैंडी बढ़ा दी। सीसीआई ने कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की मंडियों में कपास की कीमतों में 100 रुपये की बढ़ोतरी की है। आज आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों में 0.5% की गिरावट हुई है।
चना वायदा (सितम्बर) की कीमतों को 4,350 रुपये के पास सहारा मिलने की संभावना है, जबकि कीमतों में 4,400-4,450 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। हाजिर बाजार में माँग बेहतर है और आने वाले हफ्तों में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि चर बद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था अनलॉक हो रही है। इसके अलावा, वर्ष के इस समय के आसपास मौसमी रूप से समग्र माँग सामान्य रूप से अधिक होती है क्योंकि त्यौहारी सीजन नजदीक आने लगता है।
ग्वारसीड और ग्वारगम वायदा (सितम्बर) की कीमतों में क्रमश: 4,200 रुपये और 6,600 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। जोधपुर और अन्य प्रमुख मंडियों में ग्वारगम और ग्वारसीड की कीमतों में उछाल दर्ज की गयी क्योंकि इस सीजन में कम फसल होने का अनुमान लगाया कि हाल की बारिश के बावजूद ग्वारगम की बुआई लगभग 30 प्रतिशत कम होगी। (शेयर मंथन, 19 अगस्त 2020)