सोया तेल और सरसों में तेजी, सोयाबीन के सीमित दायरे में रहने के संकेत - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,920-4,000 रुपये के दायरे में सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना है।

फसल के नुकसान की खबर ने घरेलू बाजार में कीमतों को बढ़ावा दिया है। पिछले कुछ हफ्तों में मध्य भारत में अत्यधिक बारिश ने खरीफ तिलहन के लिए मुख्य रूप से सोयाबीन के लिए रिकॉर्ड फसल की संभावना को कम कर दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में किसानों ने इस तिलहनी फसलों की अधिक क्षेत्रों में खेती की थी, जहाँ भारी बारिश और बाढ़ ने खड़ी फसलों को प्रभावित किया है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में अधिक बारिश के कारण लगभग 7 लाख हेक्टेयर में नुकसान हुआ है, जबकि गुजरात और अन्य राज्यों में फसल के नुकसान का आकलन किया जाना बाकी है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेंड सोयाबीन वायदा की कीमतों में आज दो वर्षो के उच्च स्तर से गिरावट हुई है। लेकिन चीन की ओर से अधिक माँग के कारण कीमतें 1.5% की साप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,420-5,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में सरसों की कीमतों में वृद्धि जारी है और उत्पादक राज्यों राजस्थान और उत्तर प्रदेश के हाजिर बाजारों में इसके तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है। जयपुर में सरसों की कीमतें 25 रुपये बढ़कर 5,520-5,525 रुपये के दायरे में बिक रही हैं।

सोया तेल (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 880-890 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ (सितंबर) की कीमतों 755-770 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। डेलियन एक्सचेंज में सोया तेल की कीमतों में तेजी और कम उत्पादन अनुमान के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में लगातार छठे दिन बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों को मलेशिया में उत्पादन में मामूली गिरावट या 2% की वृद्धि होने का अनुमान था लेकिन पिछले साल सूखे की मार से उत्पादकता के प्रभावित होने से विश्लेषक सर्वेक्षणों ने संकेत दिया है कि उत्पादन कम हो सकता है। (शेयर मंथन, 04 सितंबर 2020)