जीरा में बाधा और धनिया में मंदी के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा (अक्टूबर) में 5,920-5,950 रुपये तक शॉर्ट कवरिंग हो सकती है।

हाजिर बाजारों में गोबीचेट्टिपलियाम एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी में शत-प्रतिशत बिक्री दर्ज की गयी। अन्य दो बाजारों में 60 प्रतिशत से अधिक हल्दी की बिक्री हुई। गोबीचट्टिप्पलायम एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों 4,500-6,099 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,812-5,800 रुपये के दायरे में रही। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,102-6,159 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,759-5,729 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 14,000 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 13,800-13,700 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। गुजरात और राजस्थान, भारत के मुख्य जीरा उत्पादन क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद किसानों द्वारा खेती के तहत क्षेत्रों का विस्तार किये जाने से उत्पादन को बढ़ावा मिलने और आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद से हाजिर कीमतों में गिरावट होने लगी है। बुधवार को राजकोट की मंडी में सभी किस्मों की हाजिर कीमतों में 20 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की कमी दर्ज की गयी। ऊंझा में कीमतों में 10-15 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की कमी दर्ज की गयी। ऊंझा में लगभग 17,000 बैग की आवक दर्ज की गयी, जो पिछले दिन की तुलना में 8,000 बैग कम है। रफ जीरा 25 रुपये कम होकर 1,810-2,085 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही जबकि एनसीडीईएक्स किस्म और उत्तम क्वालिटी की कीमत 25-30 रुपये गिरकर क्रमशः 2,165-2,350 रुपये और 2,385-2,485 रुपये पर आ गयी।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 6,700-6,800 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। रामगंज मंडी में बढ़ती आवक और कमजोर माँग के कारण नरमी का रुझान रह सकता है। इस बीच मध्य प्रदेश की गुना मंडी के साथ-साथ बारान और कोटा मंडी में कीमतें स्थिर है। (शेयर मंथन, 10 सितंबर 2020)