कॉटन में तेजी, चने में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) कीमतें 17,900 रुपये के स्तर के पास सहारा के साथ 18,200-18,300 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।

कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने ई-ऑक्शन के जरिये कपास एक्सपोर्ट करने का ग्लोबल टेंडर जारी किया है। बांग्लादेश, वियतनाम, थाईलैंड और चीन को कपास का निर्यात किया जायेगा। कॉटन कॉर्पाोरेशन ऑफ इंडिया के पास अभी भी लगभग 55 लाख बेल (प्रत्येक बेल में 170 किलो) का विशाल भंडार पड़ा हुआ है। इसने गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पड़े स्टॉक से कपास निर्यात करने की पेशकश की है। राजस्थान में यार्न मिलों की सुधरी तेजी के बीच कपास की कीमतें 400-500 रुपये प्रति कैंडी के स्तर पर बोली गयी।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 5,100-5,170 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। खबरों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सोमवार को मार्केटिंग सीजन 2021-22 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी। चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़कर 5,100 रुपये क्विंटल हो गया है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की की कीमतें 3,920-4,020 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 6,100-6,200 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। राजस्थान और हरियाणा में विभिन्न ग्वारसीड और ग्वारगम बाजारों में सुस्ती का रुझान है। हाजिर बाजार में कारोबारी सतर्क हैं, और अधिक दरों पर खरीदारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे आने वाले दिनों में आवक में तेजी आने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे, निर्यात माँग अभी भी ग्वारगम उत्पादकों के लिए एक चिंता का विषय है। दूसरी ओर, मौसम की स्थिति पैनी नजर रहेगी ग्वारगम की फसल को प्रगति के वर्तमान चरण में बारिश की आवश्यकता है। यदि राजस्थान और हरियाणा के ग्वार उत्पादक क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक उच्च तापमान और शुष्क जलवायु बनी रहती है, तो फसल और उत्पादकता प्रभावित होगी। (शेयर मंथन, 23 सितंबर 2020)