सोयाबीन और सरसों में तेजी, सोया तेल के सीमित दायरे में रहने के संकेत - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 3,805 रुपये के निचले स्तर से मजबूत उछाल देखने को मिली है और अंतरराष्ट्रीय बाजार से सकारात्मक संकेत लेते हुये कीमतें 4,050 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।

सोया तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 930-940 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 775-785 रुपये के स्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। यूएसडीए के अनुसार 1 सितंबर, 2020 तक सभी स्थानों पर कुल 523 मिलियन बुशल अमेरिकी सोयाबीन की पुरानी फसल जमा है जो 1 सितंबर, 2019 की तुलना में 42% कम है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सेंटीमेंट बेहतर हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार खेतों पर सोयाबीन का कुल स्टॉक 141 मिलियन बुशल है, जो एक साल पहले की तुलना में 47% कम है। खेतों से बाहर कुल स्टॉक 382 मिलियन बुशल है जो पिछले सितंबर से 41% कम हैं। जून-अगस्त 2020 में लुप्त हो चुका कुल स्टॉक 858 मिलियन बुशल है जो एक साल पहले इसी अवधि से 2% कम था। पिछले सप्ताह में, सरसों वायदा ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की खबर के आधार पर 5,524 रुपये के सभी समय को देखा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को एक पत्रा लिखकर भारत में किसी भी अन्य खाद्य तेल के साथ सरसों के तेल की मिलावट को 1 अक्टूबर, 2020 से रोक लगाने का आदेश देने के बाद पिछले सप्ताह में सरसों वायदा की कीमतें अब तक के रिकॉर्ड उच्च स्तर 5,524 रुपये पर पहुँच गयी। अब अक्टूबर कॉन्टैंक्ट के 5,600-5,700 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है। उत्पादन कम होने के कारण सरसों के साथ-साथ सोयाबीन की आपूर्ति में कमी है। 
सरसों की कीमतों में तेजी का रुझान है क्योंकि अगली फसल लगभग 5-6 महीने दूर है। नया नियम कि केवल शुद्ध सरसों का तेल ही उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जायेगा, आने वाले दिनों में मिलों की ओर से पेराई के लिए माँग बढ़ेगी। (शेयर मंथन, 05 अक्टूबर 2020)