कॉटन में तेजी, ग्वारगम की कीमतों में सीमित दायरे में रहने के संकेत - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 18,500 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।

डेल्टा तूफान के कारण अमेरिकी कपास उत्पादन क्षेत्रों में भारी नुकसान की आशंका मिलने वाले मदद की भरपायी कम निर्यात के आंकड़ों से होने के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें सात महीने से अधिक के उच्चतम स्तर से गिरावट हुई है। कारोबारियों की नजर आज जारी होने वाले अमेरिकी कृषि माँग और आपूर्ति के अनुमान के आँकड़ों पर रहेगी। अपनी साप्ताहिक निर्यात बिक्री रिपोर्ट में, अमेरिकी कृषि विभाग ने 2020-21 में 1,78,400 रनिंग बेल (आरबी) की शुद्ध बिक्री की रिपोर्ट दी है, जो 4 सप्ताह के औसत से 27% कम थी। उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान की खबरों के बीच चना वायदा की कीमतें पिछले कई हफ्तों से राष्ट्रीय एक्सचेंजों पर 3 वर्षों की एक नयी ऊँचाई पर कारोबार कर रही है। दूसरे, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा से ग्रीष्मकालीन-बोई गयी दाल की खरीद की योजना को मंजूरी दी है। यह देखते हुये, अक्टूबर कॉन्टैंक्ट की कीमतों के 5,600-5,650 के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 4,100-4,160 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। इस सीजन में आपूर्ति में कुछ कमी आ सकती है और इससे कीमतों को समर्थन मिलेगा। किसानों ने मुख्य रूप से खरीफ सीजन के दौरान ग्वार उत्पादन के स्थान पर कपास, बाजरा और धान की खेती को प्राथमिकता दी है क्योंकि कीमतें काफी कम रही हैं। इस बार श्रीगंगानगर जिले में किसान विभिन्न कारणों से ग्वारगम की फसल के स्थान पर मूंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। सबसे पहले, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (दलहन) के तहत सब्सिडी के रूप में सरकार से वित्तीय सहायता मिल रही है और दूसरा, मूंग की फसल मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है और आने वाली फसलों के लिए फायदेमंद साबित होती है।
ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 6,200-6,270 रूपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान परिदृश्य में, मिलें अधिक नमी वाले नये ग्वारसीड को पसंद कर रहे हैं क्योंकि नये बीज से बने पाउडर में चिपचिपाहट अधिक होगी। अधिक चिपचिपाहट का मतलब ग्वारगम पाउडर की अधिक कीमत मिलना है। (शेयर मंथन, 09 अक्टूबर 2020)