सरसों और सोयाबीन में तेजी, सोया तेल की कीमतों में मुनाफा वसूली की संभावना - एसएमसी

नयी फसल के नुकसान की खबरों और बेहतर पेराई मार्जिन के कारण सोयामील के अधिक निर्यात की संभावनाओं से निकट अवधि में सोयाबीन वायदा की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।

नवंबर कॉन्टैंक्ट की कीमतें 4,350 रुपये स्तर के पास सहारा के साथ 4,450 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। बेहतर वैश्विक संकेतों के साथ ही पेराई मिलों की ओर से सोयाबीन की अधिक खरीद और कम उपलब्धता के कारण इंदौर में और अन्य मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान जारी है।
सरसों वायदा (नवम्बर) की की कीमतों में 6,050-6,100 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य बाजारों के हाजिर बाजारों में सरसों और तेल की कीमतों में वृद्धि जारी है। कम उपलब्धता, अन्य तेलों के मिलावट पर प्रतिबंध और अन्य खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से कीमतों को लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। सरसों की कीमतें 75 रुपये बढ़कर 6,095-6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। इसी तरह, सरसों तेल और सरसों केक की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों के अनुसार, मिलें और स्टॉकिस्ट सक्रिय रूप से खरीद रहे हैं, जबकि किसान अपनी फसल को रोक कर रखने की कोशिश कर रहे है।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतें 985-990 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है, और सीपीओ वायदा (नवम्बर) की कीमतें 820-825 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती है। मलेशिया में पॉम तेल के घटते उत्पादन के पूर्वानुमान और खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए स्टॉक जमा करने के कारण चीन की ओर से सोया तेल की मजबूत माँग से फंडामेंटल बहुत बेहतर है। सब राज्य में फिर से लॉकडाउन की खबर ने भी बाजार को नुकसान की भरपायी करने में मदद की। मलेशियाई पॉम ऑयल एसोसिएशन बागानों और मिलों से अपील की है कि सब में आंशिक लॉकडाउन के रूप में विस्तारित घंटों पर संचालित करने की अनुमति दी जाये क्योंकि कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या के कारण उत्पादन में बाध आयेगी। (शेयर मंथन, 27 अक्टूबर 2020)