ग्वारसीड में गिरावट, चने की कीमतों 5,120-5,190 दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (नवम्बर) की कीमतों को 20,030 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।

भारतीय कपास वर्तमान में दुनिया में सबसे सस्ती है और इससे निर्यातकों के लिए नयी संभावनाएं पैदा हुई हैं। बांग्लादेश और चीन जैसे पारंपरिक बाजारों के अलावा, व्यापारियों को निर्यात के लिए तुर्की, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे बाजारों पर भी नजर है। दूसरी बात यह है कि महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बारिश के कारण कपास के पौधे सड़ने लगे हैं, जिससे बहुत सी उपज बेकार हो गयी है।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतें 5,120-5,190 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है और कीमतों में प्रत्येक मामूली वृद्धि के बाद बिकवाली दबाव बढ़ सकता है। कल नॉफेड के टेंडर में भाग लेने के लिए नये दिशानिर्देशों की घोषणा करने के बाद, कल की नीलामी में किसी भी राज्य ने कोई बोली लगायी। बाजार से इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद थी क्योंकि नॉफेड की आधार कीमत और हाजिर बाजार की कीमतों में भारी अंतर है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में चना की हाजिर कीमत आज 5100 रुपये प्रति क्विंटल रही, जबकि इंदौर में नॉफेड का आधार मूल्य 5,300 रुपये प्रति क्विंटल था।
चना की बेहतर बाजार कीमतों के कारण चना के बुआई क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आँकड़ों के अनुसार रबी सीजन की बुआई 265 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल समान अवधि में कुल बुआई लगभग 242 लाख से 10 प्रतिशत अधिक है।

ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 3,900 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 5,900-5,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में हाजिर कीमतों में नरमी देखी जा रही है। वर्तमान परिदृश्य में, कमजोर निर्यात माँग, कच्चे तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुंधली तस्वीर और ग्वारसीड की आवक के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। जोधपुर में ग्वारगम की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है और कीमतें 6,050 रुपये प्रति क्विंटल के पास रही। ग्वारगम पाउडर की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। ग्वारसीड की कीमत में 80 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गयी। अक्टूबर में ग्वारगम पाउडर का निर्यात घटकर 13,567 मीटिंक टन रह गया, जबकि ग्वारगम और अन्य उत्पादों का कुल निर्यात 19,507 मीटिंक टन हुआ है। (शेयर मंथन, 26 नवंबर 2020)