कॉटन में बाधा, ग्वारसीड की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (दिसम्बर) की कीमतों को 19,800 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है जबकि कीमतों को 20,140 रुपये पर बाधा रह सकता है।

कम कीमतों पर स्टॉकिस्टों द्वारा कम बिकवाली के कारण महाराष्ट्र में कपास की कीमतों में स्थिरता रही, जबकि दैनिक आवक बढ़ी है। पिछले सत्र में कपास की कीमतों में 200-300 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। घटती बिक्री और कमजोर दैनिक आवक के बीच राजस्थान में कपास की कीमतों में स्थिरता रही। पिछले सत्र में कपास की कीमतों में 400-500 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। मध्य प्रदेश में निजी मिल खरीदारों की ओर से कमजोर माँग के कारण कीमतों में गिरावट हुई है जबकि आवक में बढ़ोतरी हुइ्र्र है। कारोबारियों ने देखा है कि कुछ जगहों का छोड़कर उत्पादक क्षेत्रों में आमतौर पर मौसम साफ है।
चने वायदा (दिसंबर) में बिकवाली जारी रहने की संभावना है और कीमतें 4,950 रुपये तक लुढ़क सकती है। कल नॉफेड के टेंडर में भाग लेने के लिए नये दिशानिर्देशों की घोषणा करने के बाद, कल की नीलामी में किसी भी राज्य ने कोई बोली लगायी। बाजार से इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद थी क्योंकि नॉफेड की आधार कीमत और हाजिर बाजार की कीमतों में भारी अंतर है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में चना की हाजिर कीमत आज 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रही, जबकि इंदौर में नॉफेड का आधार मूल्य 5,300 रुपये प्रति क्विंटल था। चना की बेहतर बाजार कीमतों के कारण चना के बुआई क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आँकड़ों के अनुसार रबी सीजन की बुआई 265 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल समान अवधि में कुल बुआई लगभग 242 लाख से 10 प्रतिशत अधिक है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 3,850 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 5,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में हाजिर कीमतों में नरमी देखी जा रही है। वर्तमान परिदृश्य में, कमजोर निर्यात माँग, कच्चे तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुंधली तस्वीर और ग्वारसीड की आवक के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। जोधपुर में ग्वारसीड की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है और कीमतें 3,800-3,820 रुपये प्रति क्विंटल के पास रही। अक्टूबर में ग्वारगम पाउडर का निर्यात घटकर 13,567 मीटिंक टन रह गया, जबकि ग्वारगम और अन्य उत्पादों का कुल निर्यात 19,507 मीटिंक टन हुआ है। (शेयर मंथन, 27 नवंबर 2020)