डॉलर के कमजोरी से कॉटन की कीमतें दो साल के उच्च स्तर पर पहुँचने की संभावना - एसएमसी

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजार में मजबूत फंडामेंट के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों को 21,240 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।

कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने मौजूदा सीजन के दौरान कम से कम 10 लाख बेल कपास निर्यात करने की योजना बनायी है। भारत औऱ बांग्लादेश की सरकारों को इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है कमजोर डॉलर के कारण आईसीइ में कॉटन वायदा की कीमतों दो साल के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है।
ग्वारसीड और ग्वारगम में निचले स्तर पर खरीदारी का सुझाव है क्योंकि ये दोनों कमोडिटीज लंबी अवधि में एक दायरे में रहने के बाद उस दायरे से बाहर आ गयी है और तेजी के रुझान के साथ आने वाले दिनों में क्रमश: 4,050-6,350 के स्तर पर पहुँच सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद में बदलाव के बाद कच्चे तेल ग्रेड वाले ग्वारगम पाउडर की माँग बेहत रहने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु संरक्षण के लिए अपनी नयी नीति के अनुसार कच्चे तेल और गैस की खोज में रासायनिक उपयोग को हतात्साहित कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि कच्चे तेल और गैस कंपनियाँ ग्वारगम के उपयोग की ओर शिफ्ट हो जायेगी।

हाजिर बाजारों से सकारात्मक संकेत पर पर रबर वायदा (फरवरी) की कीमतों को 15,000 रुपये के पास सहारा मिलने की उम्मीद है व्यापारियों और रबर बोर्ड द्वारा आरएसएस 4 की कीमतों को 153 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर किया गया है। सामान्य रबर वस्तुओें के क्षेत्र से माँग के कारण मुख्य रूप से लेटेक्स से सुधार के कारण कीमतों में आंशिक रूप से मिलो-जुला रुझान है। इस बीच केरल सरकार ने 2021-22 के राज्य बजट में रबर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये से बढ़कर 170 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है जिससे राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को राहत मिलेगी, जो उत्पादन की उच्च लागत से जूझ रहे थे। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2021)