चने में बढ़त, ग्वारसीड की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा वायदा (फरवरी) की कीमतों के 21,000-21,180 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

कपास व्यापार निकायों के फसल अनुमानों के विपरीत, कपास उत्पादन और उपभोग पर केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की समिति ने वर्ष 2020-21 में 371 लाख बेल (प्रत्येक 170 किलोग्राम) उत्पादन का अनुमान लगाया है। व्यापार निकायों ने कपास का उत्पादन 358.50 लाख बेल होने का अनुमान लगाया था। सरकार के अनुमान के अनुसार, 2020-21 में शेष बचा स्टॉक 97.95 लाऽ बेल रहने की संभावना है, जबकि पिछले साल 120.95 लाख बेल शेष बचा स्टॉक है। केंद्रीय बजट 2021-22 के अनुसार, कपास और कपास अपशिष्ट जिसपर वर्तमान में आयात शुल्क की दर शून्य है, बजटीय घोषणा के माध्यम से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है जिसमें 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क और 5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) शामिल हैं। नया आयात शुल्क 2 फरवरी, 2021 से लागू हो गया है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,850-3,950 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों में 6,150-6,250 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के हाजिर बाजारों में ग्वारगम कॉम्प्लेक्स की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। ग्वारगम और ग्वारसीड का कारोबार कम रहा है। ग्वारगम मिलों ने ग्वारसीड की कीमतों में 25 रुपये की कमी की है। जोधपुर में कीमतें 3,850-3,925 रुपये प्रति क्विंटल हैं। कई मंडियों में नीलामी के कारोबार में कीमतें कम रही लेकिन श्रीगंगानगर और आदमपुर की मंडियों में सकारात्मक रुझान रहा। इन मंडियों में नीलामी की कीमतें सबसे अधिक बढ़ीं।
चना वायदा (फरवरी) की कीमतों में 4,630 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। दालों की कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने के कारण राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से खरीद शुरू करने का फैसला किया है। नॉफेड ने इन राज्यों ने लगभग 15 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है। (शेयर मंथन, 03 फरवरी 2021)