ग्वारसीड में नरमी, कॉटन की कीमतों में तेजी का रुझान- एसएमसी

कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 21,300-21,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने चालू फसल वर्ष में अपने खपत अनुमान को पिछले महीने के 330.00 लाख बेल के अनुमान पर बनाये रखा है। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधनों के कारण पिछले सीजन की खपत 250 लाख बेल थी। अब 2020-21 सीजन के दौरान खपत के लॉकडाउन से पहले के स्तर 330 लाख बेल तक पहुँचने की उम्मीद है। सीएआई ने 2020-21 सीजन के लिए कपास निर्यात 54 लाख बेल होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले वर्ष 50 लाख बेल निर्यात होने का अनुमान है। साप्ताहिक निर्यात बिक्री रिपोर्ट में अमेरिकी कपास की साप्ताहिक निर्यात बिक्री बाजार-वर्ष की ऊँचाई पर पहुँच गयी। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार 433,600 रनिंग बेल (आरबी)-बाजार वर्ष में सबसे अधिक कपास का निर्यात हुआ है जो पिछले सप्ताह की तुलना में 36% अधिक है जिसमें से 1,43,200 आरबी चीन को निर्यात किया गया है। 2021 के लिए नेशनल कॉटन काउंसिल ने अमेरिकी कपास का उत्पादन 11.50 मिलियन बेल होने का अनुमान लगाया है जो 2020 की तुलना में 5% कम है।

ग्वारसीड (मार्च) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,900-3,950 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (मार्च) में हर बढ़ोतरी के बाद बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है और कीमतें नरमी के रुझान के साथ 6,250-6,330 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि तेल की आपूर्ति अभी भी वैश्विक स्तर पर माँग से अधिक है, फिर भी कोविड-19 टीकों से माँग में रिकवरी होने की उम्मीद है।

चना वायदा (मार्च) कीमतों के 4,575-4,630 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। रबी सीजन 2020-21 में कर्नाटक में मूल्य समर्थन योजना के तहत 1,67,000 टन चना की खरीद और तेलंगाना में 51,325 टन खरीद के लिए मंजूरी दी गयी है। (शेयर मंथन, 16 फरवरी 2021)