जीरे में थम सकती है बढ़त, धनिया में तेजी का रुझान - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और कीमतें 7,900-8,100 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।

हल्दी वास्तव में स्वर्णिम वस्तु में बदल गयी है, कई किस्मों के हाजिर भाव पहले से ही 9,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गये हैं। इरोड के हल्दी व्यापारी और गोडाउन ओनर्स एसोसिएशन ने खुलासा किया है कि किशमिश की वजह से कटाई में देरी हुई है और किसानों ने जनवरी के तीसरे सप्ताह में कटाई शुरू की और फरवरी के पहले सप्ताह से कारोबार शुरू कर दिया है। उत्पादकों को आने वाले महीनों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है। हल्दी की खेती के तहत क्षेत्र आध हो गया है। तमिलनाडु में हल्दी की खेती के तहत 2.5 लाख एकड़ जमीन में से एक लाख एकड़ इरोड में है। बांग्लादेश, सिंगापुर, मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों से इरोड हल्दी की भारी माँग है। व्यापारियों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में निर्यात में 40% की वृद्धि हुई है।

जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों के 13,700 रुपये से नीचे ही रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। ऊँझा में जीरा की हाजिर कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि राजकोट में सभी किस्मों की कीमतों में 20 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है। उंझा मंडी ने जहाँ 9,500 बैग की स्थिर आवक हुई है, वहीं राजकोट में पिछले सत्रा में 1,500 बैग की तुलना में 2,500 बैग की आवक हुई। कारोबारियों के अनुसार होली और रमजान की माँग पर गहरी निगाह रखी जा रही है, क्योंकि इस सप्ताह से खेतों से आवक में तेजी आने की उम्मीद है और बाजार में कम नमी वाली सामग्री के साथ बेहतर गुणवत्ता वाले मसाले का इंतजार है।

धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 6,450-6,550 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। हाजिर बाजारों में, धनिया में नमी की मात्रा में कमी को देखते हुये कारोबारियों को माँग बढ़ने की उम्मीद है। बारान और कोटा मंडी में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के मसाला मिलों की ओर से खरीद के ऑर्डर देखे जा रहे हैं। (शेयर मंथन, 23 फरवरी 2021)