ग्वारसीड में गिरावट, चने की कीमतों 4,950-5,050 रुपये के दायरे में कारोबार की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदाय (अप्रैल) की कीमतें 22,000 रुपये तक लुढ़क सकती है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट हो रही है।

आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में एक हफ्तें के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डॉलर में 0.3% की वृद्धि हुई जिससे अन्य मुद्रा धारक खरीदारों के लिए कपास महँगा हो गया। कॉटन मई कॉन्टैक्ट की कीमतें 0.76 सेट या 0.9% गिरकर 85.75 सेंट प्रति पौंड हो गया। आईसीई में कॉटन की कीमतें 11 मार्च के बाद अपने सबसे निचले स्तर 85.35 सेंट पर पहुँच गयी है।
ग्वारसीड (अप्रैल) की कीमतों में 3,800.3,750 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि ग्वारगम (अप्रैल) वायदा की कीमतों में 5,980.5,900 रुपये तक गिरावट होने की उम्मीद है। मिलों की ओर से ग्वारसीड की कम खरीदारी के कारण जोधपुर में कीमतें 20 रुपये कम होकर 3,830-3,880 रुपये प्रति क्विंटल रह गयी है जबकि ग्वारगम की कीमतें भी 20 रुपये कम होकर 6,080 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी। मंडियों की नीलामी के कारोबार में ग्वारसीड की कीमतें गिर गयी। आदमपुर मंडियों में ग्वारसीड की कीमतें 49 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 3,500-3,671 रुपये प्रति क्विंटल हो गयीई। अन्य मंडियों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है।
चना वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 4,950-5,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। एमपी और राजस्थान में आवक में भारी वृद्धि के बाद चना की कीमतों में भारी दबाव आया। लेकिन राजस्थान में अभी आवक की तेजी आना बाकी हैं। फिर भी पिछले हफ्तें में 70,000 थैलों की भारी वृद्धि हुई। स्थिर माँग के बीच अधिक आपूर्ति के कारण चना की कीमतों पर दबाव आया। अकोला हाजिर बाजार में चना दाल की कीमतें 6,000-6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार हुआ जबकि चना की कीमतें 4,900-5,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रही। अरहर और तुअर दाल की माँग कमजोर रहने से चना दाल की कीमतों में गिरावट आयी है। लेकिन कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। (शेयर मंथन, 19 मार्च 2021)