ग्वारसीड में बाधा, चने को 5,300 रुपये पर सहारा रहने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 22,200 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। अमेरिकी के प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्र टेक्सास में सूखे मौसम अनुमान के कारण आपूर्ति कम होने की आशंका से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी कृषि विभाग की फसल प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 4 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में कपास फसल की बुआई 6% हुई। 

ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 4,080 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है इसी तरह, ग्वारगम वायदा (अप्रैल) की कीमतों की बढ़त पर 6,350 रुपये के नजदीक रोक लग सकती हैं। यह बताया गया है कि ग्वागम मिलों को नयी खरीद में ज्यादा दिलचस्पी नहीं हो रही है क्योंकि निर्यात माँग नहीं बढ़त पर 6,350 रुपये के नजदीक रोक लग सकती हैं। यह बताया गया है कि ग्वारगम मिलों को नयी खरीद में ज्यादा दिलचस्पी नहीं हो रही है क्योंकि निर्यात माँग नहीं बढ़ रही है। ग्वारगम कोरमा और चूरी की मौजूदा कीमतें मिलों के लिए लाभदायक नहीं है, इसलिए कई मिलें पहले ही उत्पादन रोक चुके हैं सस्ते पशु आहारों की मिलावट के कारण ग्वारगम की माँग में कमी है। इसलिए, हाजिर बाजार से आने वाले संकेतों से प्राप्त चलता है कि इन काउंटरों का वर्तमान परिदृश्य में समर्थन मिलने की संभावना नहीं है।
चना वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 5,300 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। सेंटीमेंट काफी सकारात्मक हैं क्योंकि सरकार ने कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में न्यनतम समर्थन मूल्य पर चना की खरीद शुरू कर दी है। चना के सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश ने पिछले सप्ताह से खरीद अभियान शुरू किया है। राज्य में लगभग 1.45 मिलियन टन चना खरीदा जायेगा। राज्य स्थान में कल से चने की खरीद शुरू होगी। मूल्य समर्थन योजना के तहत चना की खरीद 10 दिनों से भी कम समय में दोगुनी से अधिक 1,24,130 टन हो गयी है। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2021)