सरसों में तेजी, सीपीओ में 1,110-1,170 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की उम्मीद - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

घरेलू बाजारों में कम आवक और प्रमुख आयात करने वाले देशों से सोयामील की माँग के कारण राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतों में एक तरफा तेजी देखी जा रही है और अब मई वायदा की कीमतों के 6,600-6,700 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की उम्मीद है।

सरसों वायदा (मई) की कीमतों में भी इसी तरह का रुख देखने को मिल सकता है और कीमतें फिर से 6,330 रुपये के पिछले उच्च स्तर पर पहुँच सकती है और इस स्तर को पार करने के बाद 6,450-6,550 रुपये के उच्च स्तर पर भी पहुँच सकती हैं। बाजार वर्ष 2021-22 में भारत से तिलहनों का निर्यात बाजार वर्ष 2021-22 में कुल तिलहन भंडार, जो 0.85 मिलियन टन तक सीमित रह जायेगा, के मुकाबले 1.2 मिलियन टन तक बढ़ने का अनुमान है। कोविड-19 को लेकर किए गये लॉकडाउन में एक संक्षिप्त अंतराल के बाद पेराई, भोजन, और पशु आहार उपयोग के लिए माँग में लगातार रिकवरी के कारण मौजूदा स्टॉक को कम किया गया है। जहाँ तक सोयामील के समान अन्य मील की बात है तो, पशु आहार उपयोग के लिए प्रोटीन भोजन की खपत बढ़ती प्राथमिकता और स्वस्थ और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों, जिसमें पशु प्रोटीन भी शामिल है, के प्रति बढ़ती स्वास्थ्य चेतना के कारण प्रोटीन भोजन की खपत में बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
सोया तेल वायदा (मई) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 1,250-1,350 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, जबकि सीपीओ वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 1,110-1,170 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की उम्मीद है। यह अनुमान है कि थोक खरीदारों, जिसमें होटल, रेस्तरां, खाद्य व्यवसाय ऑपरेटर, संस्थान और खानपान सेवायें शामिल हैं, की ओर से माँग में रिकवरी के कारण बाजार वर्ष 2021-22 में वनस्पति तेल की खपत दो प्रतिशत बढ़कर 22.9 मिलियन टन हो जायेगी। उपभोक्ता उपभोग जैसे घरेलू उपभोग की माँग मजबूत बनी हुई है। दूसरी ओर, भारत में लगातार और बड़े पैमाने पर माँग के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद तेजी से रिकवरी के साथ चालू वर्ष में आयात बढ़कर 14.4 मिलियन टन होने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2021)