ग्वारसीड में बढ़त, कॉटन की कीमतों में नरमी की रुझान - एसएमसी

अंतराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान पर कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 21,000-20,900 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।

निजी यार्न मिलों की कम माँग के कारण घरेलू हाजिर बाजारों में कपास की कीमतों में नरमी आयी है जबकि दैनिक आवक आधे से अधिक रही। व्यापारियों ने बताया कि राज्य की मंडियां खराब गुणवत्ता वाले कपास की आवक देख रही हैं, जिससे मिलों की ओर से माँग कमजोर हो रही है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन प्रतिबंध के कारण माँग प्रभावित होती है। राज्य की मंडियों में आवक कम से कम हो रही है, जबकि किसानों ने लगभग सभी आपूर्ति समाप्त कर दी है। घरेलू बाजार में, ज्यादातर कताई मिलें बंद हैं, जबकि जो अभी भी चालू हैं, उनके पास पर्याप्त स्टॉक हैं।
ग्वारसीड वायदा (मई) की कीमतों में 4,250-4,270 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (मई) की कीमतों में 6,570-6,600 रुपये तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में ईंधन की माँग में सुधार की उम्मीद पर तेल की कीमतों में आज बढ़ोतरी हुई क्योंकि आर्थिक विकास में तेजी आयी और लॉकडाउन में कमी की गयी है।
चना वायदा (मई) की कीमतों के 5,525 रुपये से ऊपर ही रहने की संभावना है। कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतों में गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है। सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत अप्रैल से शुरू होने वाले बाजार वर्ष 2021-22 में चना खरीद को बढ़ाकर 3.25 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है जो वार्षिक आधार पर लगभग 55% अधिक है। केंद्र का लक्ष्य महाराष्ट्र में 6,17,000 टन चना खरीदना है, जबकि पिछले साल 2,98,372 टन खरीदा था। राजस्थान में 587,155 टन के मुकाबले 6,14,900 टन, और उत्तर प्रदेश में सिर्फ 31,875 टन के मुकाबले 2,12,850 टन खरीदारी करनी है। (शेयर मंथन, 23 अप्रैल 2021)