कॉटन की कीमतों में 29,500-30,500 रुपये के दायरे में कारोबार की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 2.5% गिरावट दर्ज गयी है। साफ मौसम के कारण आवक बढ़ने कीमतों पर दबाव पड़ा है।

अब कीमतों के 30,200 रुपये पर रुकावट के साथ 29,500-30,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन में 1.75% की कटौती करके 28 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ = 218 किलोग्राम) कर दिया है। लेकिन यूएसडीए ने वैश्विक कपास उत्पादन को सितंबर में अनुमानित 119.59 मिलियन गांठ के मुकाबले 120.28 मिलियन गांठ तक बढ़ा दिया है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतें कल लगभग 1.25% की गिरावट के साथ बंद हुई है। लेकिन कम उत्पादन और अधिक माँग की संभावना से कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। अब कीमतों के 5,950-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कम क्षेत्र और लगातार निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 45% अधिक हैं। चालू सीजन में राजस्थान में ग्वारगम का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 4 लाख हेक्टेयर कम होकर 21 लाख हेक्टेयर रह गया है। यह लगातार चौथे साल कम उत्पादन क्षेत्र है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण अक्टूबर में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
अरंडी सीड वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल सपाट बंद हुई है और कीमतों के 6,150 रुपये पर सहारा के साथ 6,100-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। एसईए के अनुसार जुलाई और अगस्त 2021 में अरंडी तेल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम रहा लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में निर्यात पिछले साल के 2.9 लाख टन की तुलना में 3.2 लाख टन हुआ है। सितंबर में देर से हुई मानसूनी बारिश गुजरात में अरंडी क्षेत्र के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश देर से बोई गयी अरंडी की फसल को प्रभावित कर सकती है। (शेयर मंथन, 14 अक्टूबर 2021)