सोयाबीन में बाधा, रिफाइंड सोया तेल को 1,200-1,280 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 2% से अधिक की गिरावट हुई है। जमाखोरी को रोकने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए केंद्र ने तिलहन प्रति खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है।

कीमतों के 5,460 पर रुकावट के साथ 5,200 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले वर्ष के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन होने का अनुमान है। वर्तमान में सोयाबीन की कीमतें 3,950 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के एमएसपी से काफी अधिक हैं। हालाँकि सोयाबीन की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है, लेकिन इस साल अनिश्चित मानसून के कारण दिसंबर के आसपास आवक अधिकतम होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल की कीमतों में नरमी के कारण खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के साथ कारोबार हुआ है। एसईए द्वारा जारी मासिक आयात आँकड़ों के अनुसार, भारत ने इस साल सितंबर में करीब 17 लाख टन वनस्पति तेलों का रिकॉर्ड आयात दर्ज किया। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 66% अधिक है। एक अन्य घटनाक्रम के तहत, सरकार ने 2 मार्च, 2022 तक कच्चे और रिफाइंड पॉम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल दोनों पर मूल सीमा शुल्क घटा दिया। कमी के बाद, कच्चे पॉम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात 8.25%-5.5% के अधीन होगा।

जबकि पॉम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल के रिफाइंड ग्रेड पर कुल मिलाकर 19.25% कर लगेगा। रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों के 1,200-1,280 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,090-1,140 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 14 अक्टूबर 2021)