अरंडी सीड में गिरावट, कॉटन की कीमतों में 29,900-31,000 रुपये के दायरे में कारोबार की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल बिकवाली के बाद बेहतर माँग की संभावना से सपाट बंद हुई।

कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उत्पादन में कमी की खबरों से कीमतें अभी भी अधिक बनी हुई हैं। अब कीमतें 29,900-31,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। सीएआई ने 2020-21 में कपास के अपने अंतिम उत्पादन अनुमान को 354.50 लाख गांठ के पिछले अनुमान से 1.50 लाख गांठ घटाकर 353.00 लाख गांठ कर दिया है। इसके अलावा, अधिकांश प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण कपास की फसल को नुकसान होने का डर है। उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 4 की गिरावट दर्ज की गयी। कीमतों में अभी भी तेजी का रुझान है जबकि सहारा 6,280 रुपये के स्तर पर है। वर्तमान में, कम क्षेत्र और लगातार निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। चालू सीजन में राजस्थान में ग्वारगम का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 4 लाख हेक्टेयर कम होकर 21 लाख हेक्टेयर रह गया है। यह लगातार चौथे साल कम उत्पादन क्षेत्र है। अमेरिकी रिगों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले हफ्तों में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
अरंडी सीड (नवंबर) की कीमतें कल मामूली गिरावट के साथ बंद हुई है। कीमतों के 6,250 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। अरंडी तेल और अरंडीमील की लगातार निर्यात मांग ने इस सीजन में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में अरंडी मील का निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16% अधिक हुआ है, जबकि जुलाई-अगस्त 2021 के लिए अरंडी तेल निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में कम था, लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में अधिक है। (शेयर मंथन, 20 अक्टूबर 2021)