सोयाबीन की कीमतों में बढ़त की उम्मीद - एसएमसी

नयी खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 4.4% की उछाल दर्ज की गयी है।

ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के प्रसार के धीमा होने की आशंका से कल अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कीमतें 6,170 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,650 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती हैं। भारत में सोयाबीन की कीमतों में एक हफ्ते में 12% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि भारत के कई किसान सोयाबीन को तिलहन प्रोसेसर को बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। खाद्य तेल के आयात में गिरावट के कारण सोयाबीन की पेराई माँग में बढ़ोतरी हो रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। मिले-जुले रुझानों के कारण खाद्य तेल की कीमतों में मामूली बदलाव हुआ है। कमजोर उत्पादन के पूर्वानुमान के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में बढत दर्ज की गयी लेकिन ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण से लॉकडाउन की चिंता से कीमतें आठ सप्ताह के निचले स्तर के करीब रही। नवंबर में पॉम तेल का उत्पादन एक महीने पहले के मुकाबले 6.8% कम हुआ है। कम छूट के कारण भारत ने पॉम तेल की खरीद को कम किया है और सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में वृद्धि हुई है। पॉम ऑयल और सोया ऑयल के शुल्क वैल्यू में अगले एक पखवाड़े के लिए एक बार फिर बढ़ोतरी की गयी है। उच्च शुल्क मूल्य के कारण खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,186 रुपये पर सहारा और 1,215 रुपये पर अड़चन के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,090 रुपये पर सहारा और 1,120 रुपये पर बाधा के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 02 दिसंबर 2021)