कॉटन की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण को लेकर अनिश्चितताओं और मिलों की ओर से माँग के अभाव के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 2% की गिरावट दर्ज की गयी है।

सीसीआई ने इस हफ्ते कपास की बिक्री की अपनी दरों में 800 रुपये प्रति कैंडी की कमी की है। अब कीमतों के 30,840 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 29,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। उत्पादन की चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं।

सीएआई के अनुसार, अक्टूबर 2021 में भारतीय कपास की आवक 31.12 लाख बेल रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कपास की आवक 27.16 लाख बेल थी। अधिक आवक और कमजोर माँग के कारण ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4% की गिरावट हुई और कीमतें दो महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गयी हैं। अब कीमतों के 5,790 रुपये पर सहारा के साथ 5,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 35% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
नयी बिकवाली के कारण अरंडी सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 1.2% की गिरावट के साथ बंद हुई है। कीमतों के 6,370 रुपये पर सहारा और 6,480 रुपये पर रुकावट के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना है। ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण को लेकर अनिश्चितताओं से माँग के अभाव के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबे के कारण अरंडी का उत्पादन 15.98 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होगा। अरंडी के तेल और मील के लिए पूरे वर्ष लगातार निर्यात माँग से कीमतें उच्च स्तर पर रह सकती हैं। (शेयर मंथन, 03 दिसंबर 2021)