सोयाबीन की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

कम आवक के बीच लगातार माँग के कारण सोयाबीन की कीमतों में इंदौर में कल बढोतरी हुई है।

अमेरिकी सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान के कारण सीबोट में सोयाबीन की कीमतों में कल लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है। 20 दिसम्बर को सेबी द्वारा एनसीडीईएक्स को इंट्रांडे में नये पोजिशन की अनुमति नहीं देने और कमोडिटीज के नये कॉन्टैंक्ट शुरू करने पर एक साल के लिए रोक दिया गया। सोयाबीन में केवल मौजूदा पोजिशन को पूरा करने की अनुमति होगी। पशुओं के चारे की कीमतों को कम करने के लिए, सरकार ने सोयामील के स्टॉक की सीमा तय की और किसानों की सुरक्षा के लिए, देश में जीएम सोयमील के अतिरिक्ता आयात को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया। वर्तमान में, कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 40% अधिक हैं क्योंकि किसान अभी भी बेहतर कीमतों की उम्मीद में अपनी फसल को रोके हुये हैं। सोपा के अनुसार 2021-22 में सोयाबीन का उत्पादन 12.472 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8% अधिक है। दिसंबर तक कुल आवक 4 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पिछले सीजन की तुलना में 23% कम है। 1 जनवरी, 2022 तक किसानों, व्यापारियों और पौधें के पास स्टॉक 9.086 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन की तुलना में 38% अधिक है। खाद्य तेल की कीमतें कल मिले-जुले रुझान के साथ बंद हुईं। एक्सचेंज के सर्कुलर के अनुसार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नये पोजिशन की अनुमति नही दी है।

श्रमिकों की कमी के कारण 2022 की पहली तिमाही में पॉम ऑयल के कम उत्पादन अनुमान के कारण मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई । सरकार ने दिसंबर 2022 तक एक अन्य साल के लिए बिना लाइसेंस के रिफाइंड पॉम तेल आयात करने की अनुमति दी, जिसका उद्देश्य घरेलू आपूर्ति बढ़ाना और खाद्य तेलों की कीमतों में कमी लाना है। सरकार ने रिफाइंड पॉम तेल पर मूल सीमा शुल्क को 17.5 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। भारत में, खाद्य तेल का आयात दिसंबर में वर्ष-दर-वर्ष 8% कम हुआ है, लेकिन माह-दर-माह 7% बढ़कर 12.67 लाख टन हो गया। (शेयर मंथन, 19 जनवरी 2022)