कॉटन में बढ़त, कैस्टरसीड को 7,150-7,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 0.4% की रिकवरी हुई है। कीमतें 36,910 रुपये पर सहारा के साथ 37,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।

उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 69.7% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 8.6% बढ़ी है। सीएआई ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2021-22 के लिए अपने कपास उत्पादन को 5.00 लाख गांठ घटाकर के 343.13 लाख गांठ (1 गांठ 170 किलोग्राम का) कर दिया है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रह गयी, जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने देश में कपास उत्पादन को पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है। फरवरी की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन जनवरी 2022 में अनुमानित 120.96 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 120.15 मिलियन गांठ (1यूएस गांठ=218 किलेग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर पर उत्पादन में 8,00,000 गांठ की गिरावट के कारण कपास का अंतिम स्टॉक 7,00,000 गांठ कम रहने का अनुमान है। यूएसडीए ने भारत की फसल में 5,00,000 गांठ की कमी का अनुमान लगाया है क्योंकि बाजार में आवक की धीमी गति उम्मीद से कम उत्पादन होने का संकेत देती है।

ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई। यदि कीमतें 6,000 रुपये के स्तर को पार करती है तो 6,150 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 56% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। दिसंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तेल की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है और आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।

कैस्टरसीड वायदा (मार्च) की कीमतें कल मामूली बदलाव के साथ बंद हुई। अब कीमतें 7,150-7,350 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 56% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.06 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 8.28% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 09 मार्च 2022)