कॉटन और कैस्टरसीड की कीमतों में बढ़त की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में शुक्रवार को 1.7% की बढ़ोतरी हुई है।

कीमतें 38,130 रुपये पर सहारा के साथ 39,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 74.4% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 13.2% बढ़ी है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को पफरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर कपास का अंतिम स्टॉक अब पिछले महीने की तुलना में 1.7 मिलियन गांठ कम होकर 82.57 मिलियन गांठ रह सकता है। भारत में कपास का उत्पादन लगातार दूसरे महीने 5,00,000 गांठ घटकर 26.50 मिलियन गांठ रहने का अनुमान है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रहने का अनुमान है जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से देश में कपास उत्पादन को घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है।
ग्वारगम की बढ़ती निर्यात माँग के कारण ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों में शुक्रवार को 0.7% की बढ़ोतरी हुई। यदि कीमतें 6,250 रुपये के स्तर से ऊपर कारोबार करती है तो 6,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 62.6% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। दिसंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तेल की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है और आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
कैस्टरसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को 0.5% की बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतें 7,380 रुपये के स्तर को पार करती है तो 7,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 52% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.06 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 8.28% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 14 मार्च 2022)