कॉटन में बढ़त, ग्वारसीड को 6,100-6,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 1% की बढ़ोतरी हुई है।

लेकिन कम आपूर्ति और अधिक माँग के कारण कीमतें उच्चतम स्तर पर है। अब कीमतें 37,600 रुपये पर सहारा के साथ 38,700 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 72% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 12.2% बढ़ी है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को फरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर कपास का अंतिम स्टॉक अब पिछले महीने की तुलना में 1.7 मिलियन गांठ कम होकर 82.57 मिलियन गांठ रह सकता है। भारत में कपास का उत्पादन लगातार दूसरे महीने 5,00,000 गांठ घटकर 26.50 मिलियन गांठ रहने का अनुमान है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रहने का अनुमान है जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से देश में कपास उत्पादन को घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है।

ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 1% की बढ़ोतरी हुई लेकिन 6,300 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ रहा है। अब कीमतें 6,100-6,300 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 64% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। जनवरी में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 5% बढ़कर 22,300 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38.4% बढ़कर 2.64 लाख टन हो गया।

नयी खरीदारी के कारण कैस्टरसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 0.8% की बढ़त के साथ बंद हुई लेकिन 7,400 रुपये के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। अब कीमतें 7,100-7,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 52.4% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.06 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 8.28% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 17 मार्च 2022)