हल्दी की कीमतों में नरमी का रुझान, जीरे में 2.3% की उछाल - एसएमसी

कारोबार के अंतिम घंटों में खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई।

लेकिन कीमतों में अभी भी नरमी का रुझान है क्योंकि बाजारों में नये सीजन की आवक हो रही है। अब कीमतों के 8,490 रुपये पर सहारा के साथ 8,750 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग 4.65% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14,275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी)0 में, निर्यात पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।
नयी खरीदारी के कारण जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 2.3% की उछाल दर्ज की गयी। अब कीमतें 20,890 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 22,250 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। स्थिर आवक के बीच निर्यात माँग में बढ़ोतरी की संभावना से खरीदारी हुई। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 43% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 टन था।

लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था। थोक खरीदारों की ओर से बेहतर माँग के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 1.4% की बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 10,560 रुपये पर सहारा के साथ 10,800 रुपये के स्तर से उफपर कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में आवक बढ़ रही है और थोक खरीदार केवल कम अवधि की जरूरतों के लिए खरीदारी कर रहे है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। सीजन की फसल से आवक बढ़ने से धनिया की कीमतों पर अल्पावधि में दबाव बने रहने की संभावना है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 51% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 22% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3,590 टन रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 23 मार्च 2022)