जीरे में बढ़त, हल्दी की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

घरेलू मसाला उद्योगे से माँग में बढोतरी आरै हाजिर बाजार में कम आवक के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही।

बाजार सूत्र के अनुसार कीमतों में गिरावट की स्थिति में मुख्य हाजिर बाजारों में आवक स्थिर हो गयी है। अब कीमतें 8,620 रुपये पर अहम सहारा के साथ 9,500 रुपये तक बढत़ दर्ज कर सकती है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में 4.5% अधिक है, लेकिन जनवरी के बाद से कीमतों में लगभग 9% की गिरावट हुई है। नये सीजन की हल्दी बाजार में दस्तक दे रही है और सीजन बढने के साथ नियार्त बढने की उम्मीद है। 2021-22 सीजन के लिए सरकार के पहले अगिम्र अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में हल्दी का उत्पादन 11.76 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 11.24 लाख टन था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकडों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में, नियार्त पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।

जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में लगातार दूसरे सप्ताह बढत़ बनी हुई है, क्योंकि मसाला उद्यागे से माँग में बढोतरी हुई है जबकि निर्यात घट रहा है। कीमतों के 21,125 रुपये पर सहारा के साथ 22,700 तक बढने की संभावना है। नये सीजन के जीरे की अधिकतम आवक का सीजन शुरू हो गया है लेकिन आवक पिछले साल की तुलना में कम दर्ज की गई है। ऊँझा में पुरानी और नई फसल की आवक पिछले वर्ष लगभग 44,000 बैग की तुलना में प्रतिदिन लगभग 26,000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) रह गई है। नये साल में जीरा की कीमतों में 32.5% से अधिक की वृद्धि हुई है और वर्तमान में कम उत्पादन की खबरों पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 49.2% अधिक है। बागवानी फसलों के पहले सरकारी अगिम्र अनुमान के अनुसार 2021-22 में जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 7.95 लाख टन उत्पादन हुआ था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकडों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा नियार्त 19% बढकर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 टन था। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का नियार्त वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था।

धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 3 महीने में सबसे बड़ी साप्ताहिक उछाल देखी गई और यह 6 साल से अधिक के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है, जो मुख्य रूप से हाजिर बाजार में आवक कम होने से हुई है, जबकि मसाला निर्माताओं की ओर से घरेलू माँग में वृद्धि हुई। अब कीमतों के 10,900 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 12,500 रुपये के ऊपर कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 58.3% अधिक और जनवरी के बाद से 27.7% अधिक हैं जबकि निर्यात कम हो रहा है। मासाला कंपनियों ने इस साल कीमतों में गिरावट का इंतजार किया, लेकिन उन्हें कीमतों में कोई कमी नहीं दिखी और अब उन्होंने अपनी खरीदारी शुरू कर दी है, जिससे आने वाले हफ्तों में कीमतों को समर्थन मिलेगा। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4,630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3,590 टन रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2022)