सर्राफा की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी

सर्राफा की कीमतें तीन महीने से अधिक समय में अपने सबसे बड़े साप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर हैं और 9 साल के उच्च के करीब पहुँच गयी हैं क्योंकि वायरस से ग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं के लिए स्टीमुलस के कारण डॉलर के कमजोर होने और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की उम्मीदों से कीमतों को मदद मिली।

औद्योगिक गतिविध्यिों में सुधर से मिलने वाले अतिरिक्त प्रोत्साहन के कारण चांदी की कीमतें 1987 के बाद से सबसे अधिक सप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर है। इस सप्ताह सोने की कीमतें 4% से अधिक बढ़ गयी हैं, जिससे 2011 के अंत के बाद से अपनी सबसे लंबी बढ़त की ओर निश्चित रूप से अग्रसर है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की फिलहाल की कोई संभावना नहीं है, और संभावित प्रतिक्रिया को मुद्रास्फीति के रूप में देखा जाता है।
सोना केंद्रीय बैंकों से व्यापक प्रोत्साहन उपायों से लाभान्वित होता है क्योंकि इसे मुद्रास्फीति और मुद्रा विचलन के खिलाफ हेज माना जाता है। डॉलर इंडेक्स दो साल के निचले स्तर के पास कारोबार कर रहा है और निवेशक इस सप्ताह अमेरिका द्वारा चीन को ह्यूस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास को बंद करने के बाद चीन के कदम की प्रतीक्षा कर रहे है। तनाव ने निवेशकों को बुलियन में सुरक्षा की तलाश करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन तेजी के बावजूद सोने की कीमतों में गिरावट जोखिम बना हुआ है। प्रमुख खुदरा बाजारों भारत और चीन में 1,800 डॉलर से ऊपर आभूषणों की माँग कम हुई है और कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सोने को निवेश माँग पर ही निर्भर रहना पड़ता है। कम फिजिकल माँग भारत और चीन के डीलरों को भारी छूट देने के लिए मजबूर कर रही है। आगामी दिनों में स्टीमुलस में बढ़ोतरी होने की उम्मीद और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के लिए माँग में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों से कम ब्याज दरों और व्यापक प्रोत्साहन उपायों के कारण इस साल सोने में 24% की वृद्धि हुई है। इस हफ्ते सोने की कीमतें 49,800-51,700 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 58,200-64,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। जबकि कोमेक्स में सोने की कीमतें 1800-1920 डॉलर के दायरे में और चांदी की कीमतें 20.20-24.30 के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 27 जुलाई 2020)