पूँजीगत व्यय से बनी रहेगी विकास की गति

ए. बालासुब्रमण्यम
एमडी और सीईओ, आदित्य बिड़ला म्यूचुअल फंड
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया अंतरिम बजट भाषण स्पष्ट रूप से राजकोषीय समेकन (fiscal consolidation), बुनियादी ढाँचे के खर्च, उपभोग और पूँजीगत व्यय पर केंद्रित है।

सरकार वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.1% अनुमानित राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के साथ राजकोषीय समेकन के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। हमारे देश के युवाओं द्वारा प्रौद्योगिकी खर्च के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना विकास की गति के लिए सकारात्मक है। साथ ही, कृषि अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने से खपत बढ़ने की संभावना है। और अंत में, सरकार की ओर से पूँजीगत व्यय पूरे आर्थिक तंत्र (इकोसिस्टम) को संचालित कर रहा है, जिससे देश के विकास की गति बनी रहे।
(शेयर मंथन, 1 फरवरी 2024)