सेंसेक्स 50,000 के पार, देखें क्या कह रहे हैं जानकार

21वीं सदी के 21वें वर्ष के 21वें दिन भारतीय शेयर बाजार के मुख्य सूचकांक ने पहली बार 50,000 का ऐतिहासिक स्तर छुआ है। आइए देखें इस विशेष अवसर पर बाजार के जानकारों की टिप्पणियाँ क्या हैं।

डी. के. अग्रवाल, सीएमडी, एसएमसी इन्वेस्टमेंट्स : यह बहुत प्रसन्नता का विषय है का सेंसेक्स ने 50,000 का मील का पत्थर पार कर लिया है। यह स्पष्ट रूप से हमारी अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाता है। मुझे पक्का विश्वास है कि अगले पाँच वर्षों में सेंसेक्स 1,00,000 के लक्ष्य को पा लेगा।
पशुपति आडवाणी, संस्थापक चेयरमैन, ग्लोबल फोरे : स्पष्ट है कि कोई चीज भारत के पक्ष में अच्छा काम कर रही है। सभी सहभागियों को शुभकामनाएँ!
आशु मदान, एमडी, जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज : मैं बाजार को लेकर सकारात्मक हूँ। निफ्टी 50 इस महीने के अंत तक बजट के आस-पास 15,000 को छू सकता है। बैंक निफ्टी आने वाले समय में ज्यादा तेज चलेगा और 33,500 पर जा सकता है।
विजय भूषण, निदेशक, भारत भूषण इक्विटी ट्रेडर्स : हमारे शेयर बाजार ने 42 वर्ष में 500 गुणा प्रतिफल (रिटर्न) दिया है। यह अद्भुत और विस्मयकारी यात्रा रही है।
अंबरीश बालिगा, सीईओ, हनीकॉम्ब वेल्थ एडवाइजर्स : यह मील का ऐसा पत्थर है, जिसकी हम प्रतीक्षा कर रहे थे। अगला महत्त्वपूर्ण स्तर निफ्टी का 15,000 पर पहुँचना होगा। पर बाजार ज्यादा खिंच गये हैं और हम इस बिंदु पर किसी दुर्घटना को सहन नहीं कर सकते। निवेशकों के लिए सलाह है कि वे इस सकारात्मक धारणा और बाजार में आयी चाल का उपयोग करते हुए मुनाफावसूली करें।
पंकज पांडेय, रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई डायरेक्ट : सेंसेक्स के 50,000 पार करने के अवसर पर हम मध्यम से लंबी अवधि के लिए भारतीय इक्विटी को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट क्षेत्र में मजबूती से सुधार दिख रहा है। मजबूत पूँजी प्रवाह, निचली ब्याज दरों के दौर, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) में वृद्धि चक्र के आरंभ और भारतीय उद्योग जगत की तंदुरुस्त बैलेंस शीट को देखते हुए हम आशा कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था नये दशक में व्यापक वृद्धि की यात्रा शुरू कर रही है। इसका लाभ सभी क्षेत्रों को होगा। इसका असर पूँजी बाजारों पर भी होगा, जिससे मध्यम से लंबी अवधि में बाजार तेज बने रहेंगे।
शाहिना मुकदम, निदेशक, वरुण कैपिटल : आशा के अनुरूप! लगता है कि तेजड़िये (बुल) अपनी पकड़ नहीं छोड़ेंगे। उन्हें वैश्विक तरलता (लिक्विडिटी) और कंपनियों एवं अर्थव्यवस्था के सुधरे हुए प्रदर्शन से सहारा मिल रहा है।
शर्मिला जोशी, बाजार विशेषज्ञ : अभी तो बहुत आगे जाना है। तिमाही नतीजों और बजट के बाद हमें इस साल के लिए सेंसेक्स के लक्ष्य को ऊपर ले जाना होगा।
अमित भागचंदका, ग्रुप सीईओ, आरके ग्लोबल : अब हम अगले 50,000 अंक का लक्ष्य बना रहे हैं! अगले 5-7 वर्ष में यह लक्ष्य पूरा हो सकता है।
राजेश सातपुते, रिसर्च प्रमुख, एलएफएस ब्रोकिंग : बधाई! सांड़ (तेजड़िये) उन्माद में भाग रहे हैं! नकदी ही राजा है। मंदड़िये गायब हैं। तकनीकी रूप से बाजार में हद से ज्यादा खरीदारी की स्थिति (ओवरबॉट) है और लगता है कि तमाम सकारात्मक बातों को भुना लिया गया है।
हेमेन कपाड़िया, सीईओ, चार्ट पंडित : यह ऐतिहासिक मील का पत्थर है। मैं इक्विटी निवेशकों के लिए बहुत खुश हूँ। पर लोगों को मूल्यांकन का ध्यान रखना चाहिए, जो बहुत खिंचे हुए हैं। यह तेजी तरलता (लिक्विडिटी) के दम पर चल रही है। जीएसटी के ताजा आँकड़े अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत दे रहे हैं।
राजेश अग्रवाल, रिसर्च प्रमुख, ओम कैपिटल : यह अंतिम लक्ष्य नहीं, बल्कि एक यात्रा है। आने वाले वर्षों में हम छह अंकों का सेंसेक्स भी देखेंगे। इस समय, निवेशकों को व्यापार की गुणवत्ता और प्रबंधन के स्तर पर ध्यान देना चाहिए और लंबी अवधि के बारे में सोचना चाहिए।
गौरव दुआ, सीनियर वीपी, शेयरखान : यह इक्विटी के संपदा वर्ग में चार दशकों में हुए संपदा सृजन का उल्लास मनाने का समय है। लंबी अवधि के लिए निवेश करें। बहुत लालची न बनें, बहुत डरें भी नहीं। अपने पैसे को आपके लिए काम करने दें।
नितेश चंद, रिसर्च प्रमुख, साइक्स ऐंड रे इक्विटीज : यह बाजार के लिए अच्छा है, लेकिन जोखिम का तत्व ऊँचा है। अभी बहुत सावधान रहने का समय है।
शोमेश कुमार, बाजार विश्लेषक : सेंसेक्स का 50,000 पर पहुँचना बस एक और मील का पत्थर है। अब तक जो तिमाही नतीजे आये हैं, वे उत्साहजनक हैं। अगर अच्छे तिमाही नतीजों का आना जारी रहे और केंद्रीय बजट बाजार को निराश न करे, तो हम बजट तक लगभग 52,000 पर सेंसेक्स को देख सकते हैं। छोटी अवधि में करीब 43,500-44,000 का एक आधार बन सकता है।
विजय चोपड़ा, एमडी, इनॉक वेंचर्स : शानदार! अभी तो और बाकी है! पर मैं कुछ गिरावट का भी अनुमान लगा रहा हूँ। जैसा कि कहा जाता है, जब तक पार्टी चलती रहे तब तक नाचते रहें, लेकिन दरवाजे के पास रहें!
प्रदीप कुमार अग्रवाल, निदेशक, पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स : हमारे पास जितने समय तक पैसे बचे रह सकते हैं, उससे ज्यादा समय तक बाजार अतार्किक बने रह सकते हैं!
ऑनाली रूपानी, निदेशक, एआरएम रिसर्च : हम चौतरफा तेजी के बाजार में हैं। सबकी निगाहें तीसरी तिमाही के कारोबारी नतीजों पर हैं। अगर आगे आने वाले नतीजों ने निराश नहीं किया तो यह तेजी जारी रहेगी। बजट कोई बड़ी घटना नहीं होगी। पर ध्यान रखें कि तेजी के बाजार (बुल मार्केट) में कभी भी बिना किसी सूचना के 6-12% तक की तीखी गिरावट आ सकती है। गिरावट पर खरीदारी की ही रणनीति होगी।
सिद्धार्थ रस्तोगी, एमडी, ऐंबिट एसेट मैनेजमेंट : बाजार की दिशा ऊपर की ओर बनी रहेगी, पर उतार-चढ़ाव बढ़ना निश्चित है।
अशोक अग्रवाल, पूर्व निदेशक, एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटीज : यह स्तर आना था, पर मेरे अनुमान से जल्दी आ गया है। इस दर से तो सेंसेक्स या निफ्टी के स्तर जल्दी ही मजाक बन जायेंगे। यहाँ बाजार तो है ही नहीं। जब शून्य दर पर असीमित मात्रा में धन उपलब्ध हो तो बाजारों में भाव कैसे तय होंगे?
जितेंद्र पांडा, हेड - एलायंस ऐंड बिजनेस स्ट्रेटेजी, यस सिक्योरिटीज : यह लंबी तेजी (बुल रन) का आरंभ है। यहाँ से मँझोले (मिड कैप) और छोटे (स्मॉल कैप) शेयरों में चाल दिखनी चाहिए।
योगेश मेहता, संस्थापक, यील्ड मैक्सिमाइजर : यह शुद्ध रूप से तरलता (नकदी) आधारित तेजी है और निवेश प्रवाह चीन से हट कर उभरते बाजारों (इमर्जिंग मार्केट्स) की ओर आ रहा है। आगे बाजार तिमाही नतीजों और बजट के अनुसार चलेगा।
अरविंद पृथी, बाजार विश्लेषक : बाजार ने सभी तर्कों को नकार दिया है और शुद्ध रूप से तरलता एवं अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज के दम पर चल रहा है। कारोबारियों को मेरी सलाह है कि वे छोटे-छोटे सौदे ही करें।
(शेयर मंथन, 21 जनवरी 2021)