चीन के बेहतर निर्यात आँकड़ों से बेस मेटल को मिली मदद - एसएमसी

पिछला हफ्ता काफी ऐतिहासिक रहा, जिसमें कई राजनीतिक तनावों और कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक आँकड़ों के कारण कई कमोडिटीज की कीमतों में तेजी से बदलाव होते देखा गया।

कुल मिलाकर सीआरबी इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हो गया, क्योंकि अमेरिका और चीन के व्यापार तनावों के कारण कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट हुई। लेकिन चीन के बेहतर व्यापार आँकड़ों के कारण कीमतों की गिरावट पर कुछ रोक लगी। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अप्रत्याशित वृद्धि और अमेरिका-चीन के गहराते व्यापार तनाव के कारण कच्चे तेल की माँग कम होने की आशंका के चलते तेल की कीमतों में बुधवार को 5% तक की गिरावट हुई।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में पिछले हफ्ते 24 लाख बैरल की वृद्धि हुई, जबकि अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 5 साल में मौजूदा समय के औसत से लगभग 2% अधिक है। कीमतों में गिरावट के कारण उत्पादन में कटौती की संभावना से गुरुवार को कीमतों में निचले स्तर से रिकवरी हुई। सऊदी अरब, जो दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है, ने अन्य उत्पादकों को तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए चर्चा करने के लिए बुलाया है। अमेरिका द्वारा चीन पर अतिरिक्त शुल्क की खबर के बाद ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में 12% से अधिक की गिरावट हुई।
नेचुरल गैस की कीमतों ने 149 रुपये के स्तर के पास सहारा लेने की कोशिश की और तीन सप्ताह की गिरावट के बाद रोक लग गयी। सोने की कीमतों में भारी बढ़त देखी गयी, लेकिन यह भारत में जादुई तेजी दर्ज की गयी, क्योंकि भारतीय रुपये के तेजी से कमजोर होने के कारण सोने की कीमतों के प्रीमियम में अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई और सोने की कीमतें 38,488 रुपये के एक नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी। बुधवार को कॉमेक्स में सोने की कीमतों में 2% से अधिक की वृद्धि हुई, जिससे यह 6 वर्षों में पहली बार 1,500 डॉलर के स्तर को पार कर गया है, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद गहराने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आशंका बढ़ने के बाद निवेशकों की ओर से सुरक्षित निवेश के लिए माँग में बढ़ोतरी हुई। अन्य कीमती धतु चांदी की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी और कॉमेक्स में कीमतें 17 डॉलर के स्तर को पार कर गयी।
बेस मेटल में जिंक को छोड़कर शेष मेटल की कीमतों में तेजी रही, जबकि जिंक की कीमतों में नरमी का रुझान बना रहा। डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बीच चीन के निर्यात-आयात आँकड़ों के कुछ बेहतर रहने के कारण बेस मेटल की कीमतों को मदद मिली।
कृषि कमोडिटीज में सोयाबीन, रिफाइंड सोया और कच्चे पाम तेल के लिए यह एक अच्छा सप्ताह था। इन सभी में सीबोट सोया तेल की कीमतों में तेजी के रुख पर बढ़त दर्ज की गयी। अमेरिकी मिडवेस्ट में शुष्क मौसम के पूर्वानुमान से सोयाबीन की फसल को नुकसान हो सकता है। सरसों की कीमतों में कुछ कमजोरी देखी गयी, लेकिन स्थानीय पेराई मिलों की ओर से माँग में बढ़ोतरी के कारण हाजिर कीमतों में मजबूती देखी जा रही है। मसालों में केवल हल्दी की कीमतों में कुछ तेजी रही, अन्यथा मसालो में नरमी रही। गुजरात के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की वजह से मसाले में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण जीरे का भाव कम हो गया। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल सर्दियों की फसल अच्छी होगी, क्योंकि बारिश वैसी ही है जैसी किसान चाहते थे। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2019)a