कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

कोविड -19 के प्रकोप के जारी रहने के बीच माँग को लेकर बढ़ती चिंता के कारण तेल की कीमतें 7% से अधिक लुढ़कर जून के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुँच गयी है।

अप्रैल महीने में डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतों में पहली बार रिकॉर्ड गिरावट के बाद तेल की कीमतों ने बड़ी रिकवरी की है। डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतों ने मई में लगभग 90% की उछाल दर्ज की और अब तक की सबसे अधिक मासिक बढ़त दर्ज की। कीमतों में बढ़ोतरी निश्चित रूप से रिकॉर्ड निचले स्तर से हुई थी, लेकिन महामारी की वजह से माँग में भारी गिरावट का मुकाबला करने के प्रयास अंतरराष्ट्रीय उत्पादकों ने उत्पादन में भारी कटौती की। लेकिन अब हाल के दिनों में कीमतों में फिर से गिरावट होने लगी हैं, इसके बाद सऊदी अरामको ने अक्टूबर के लिए आधिकारिक बिक्री मूल्य में कटौती की, जिससे माँग को लेकर चिंतायें बढ़ गयी।
अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के साथ ही साथ उत्पादन में बढ़ोतरी से कीमतों पर भी दबाव पड़ा है। बाजार की नजर बड़ी तस्वीर पर है कि कहाँ और कब वैश्विक स्तर पर माँग सामान्य होती हैं और मध्यम अवधि में अमेरिकी उत्पादन और ओपेक प्लस उत्पादन कितना होता है। गैसोलीन और डीजल के भंडार में अप्रत्याशित रूप से बड़ी गिरावट के कारण कीमतों में वृद्धि के कारण नुकसान की कुछ भरपायी हुई। आगामी दिनों में नाइमेक्स में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है जहाँ कीमतों को 32.80 डॉलर के पास सहारा और 43.50 डॉलर के पास बाधा देखा जा सकता है। एमसीएक्स में भी कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देख सकते हैं यदि कीमतें 2,610 रुपये से नीचे बनी रहती है तो कीमतों को 2,480 रुपये के पास सहारा और 2,980 रुपये के पास बाधा का समाना करना पड़ सकता है। अगले सप्ताह कम ठंड के बाद एयर कंडीशनिंग की माँग अनुमान से कम होने की संभावना से अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में चार सप्ताह के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। नेटगैसवेदर के अनुसार, अगले दो हफ्तों के दौरान, अमेरिका के अधिकांश क्षेत्रों में तापमान पर्याप्त गर्म साबित होने की उम्मीद नहीं है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 155-190 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 14 सितंबर 2020)